BIG BREAKING : भाकपा माओवादी नक्सलियों ने कोल्हान जंगल में मनाया 19वां स्थापना दिवस

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चाईबासा : भाकपा माओवादी नक्सलियों ने 19 वां वर्षगांठ पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित नक्सल प्रभावित कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ 21 से 27 सितम्बर तक मनाने का दावा किया है. हालांकि स्थापना दिवस का यह मुख्य कार्यक्रम 27 सितम्बर की सुबह 11 बजे से कोल्हान जंगल में आयोजित करने की बात कही गई है. यह आयोजन भाकपा माओवादी संगठन की दक्षिणी जोनल कमिटी द्वारा आयोजित करने की बात कही गई है.


नक्सलियों ने इस कार्यक्रम से जुड़ा वीडियो और फोटो भी जारी किया है. वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि सैकड़ों की संख्या में वर्दीधारी हथियारबंद नक्सली एवं ग्रामीण घने जंगलों में शहीद बेदी बनाकर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं.

बड़े नक्सली नेताओं ने फहराया पार्टी का झंडा

कार्यक्रम स्थल पर बडे़ नक्सली नेता लाल रंग का संगठन से जुड़े झंडा फहरा रहे हैं. इस दौरान कुछ नक्सली पार्टी के संस्थापक चारू,कन्हाई चटर्जी समेत विभिन्न राज्यों में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों का नाम लेकर उन्हें अमर शहीद बताते हुए लाल सलाम कह रहे हैं. कार्यक्रम स्थल पर मारे गये सैकड़ों नक्सलियों की तस्वीर चारों तरफ लगाई गई थी. कई नक्सली क्रांतिकारी गीत गाते,नारा लगाते तथा पारम्परिक नृत्य करते नजर आये. इस कार्यक्रम में महिला नक्सलियों की संख्या भी काफी देखी गई. कार्यक्रम स्थल पर भारी तादाद में ग्रामीणों को भी बुलाया गया था.

एक करोड़ का इनामी नक्सली मिसिर बेसरा भी था शामिल

बताया जा रहा है कि नक्सलियों द्वारा मनाया गया 19वां वर्षगांठ के दौरान एक करोड़ रुपये का इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा,केन्द्रीय कमिटी सदस्य पतिराम माझी उर्फ अनल दा,25 लाख रुपये का इनामी तथा सैक सदस्य करमचंद हांसदा उर्फ चमन उर्फ लंबू,सैक सदस्य लालचंद हेम्ब्रम उर्फ अनमोल उर्फ समर जी उर्फ सुशांत,15 लाख रुपये का इनामी अमित मुंडा उर्फ सुखलाल मुंडा,मेहनत उर्फ मोछू उर्फ विभीषण,2 लाख का इनामी सागेन अंगारिया उर्फ श्यामलाल,कांडे होनहागा,सालुका कायम आदि कई बडे़ नक्सली शामिल थे.

कोल्हान कुछ महीनों से रणभूमि बना हुआ है

उल्लेखनीय है कि कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र का जंगल पिछले कुछ महीनों से रणभूमि बना हुआ है. यहां पुलिस व नक्सलियों के बीच निरंतर संघर्ष जारी है. इस संघर्ष में कई जवान व ग्रामीणों की मौत के अलावे दर्जनों घायल हुए. इसमें नक्सलियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. मिसिर बेसरा का भूमिगत बंकर आदि भी पुलिस ने ध्वस्त कर बड़ी सफलता पाई है.


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