BIG BREAKING : एक लाख का इनामी नक्सली जतरु खेरवार ने किया आत्मसमर्पण

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लोहरदगा : बड़ी खबर लोहरदगा से जहां प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के एरिया कमांडर जतरू खेरवार उर्फ टाना खेरवार ने झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण नीति "नई दिशा" के तहत डीसी डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण,एसपीआर रामकुमारऔरअभियान एसपी दीपक पांडये के समक्ष सरेंडर कर दिया है.

झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है. इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक,झारखण्ड रांची के निर्देशानुसार झारखंड पुलिस सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई में लगातार प्रयत्नशील है और इस दिशा में पुलिस को निरंतर सफलताएं भी मिल रही है.

राज्य को नक्सल मुक्त करने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण आत्मसमर्पण नीति "नई दिशा" भी नक्सली संगठनों के बीच काफी लोकप्रिय होती जा रही है. इसी का परिणाम है कि भाकपा माओवादी संगठन सहित अन्य कई प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के नक्सली झारखण्ड पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं. सरकार की इस नीति की सफलता से झारखण्ड पुलिस उत्साहित है तथा झारखण्ड को नक्सल मुक्त राज्य बनाने को कृतसंकल्पित है.

इसी कड़ी में प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के एरिया कमांडर जतरू खेरवार उर्फ टाना खेरवार ने झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण नीति "नई दिशा" के तहत उपायुक्त लोहरदगा डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण,पुलिस अधीक्षक आर रामकुमार लोहरदगा,अभियान एसपी दीपक पांडये के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. पुलिस के द्वारा हाल में चलाये गये विशेष अभियान डबलबुल पर पुलिस की बढ़ती दबिश,संगठन के आंतरिक शोषण से क्षुब्ध होकर तथा झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उक्त नक्सली ने आत्मसमर्पण किया. इन्हें इनके विरुद्ध दर्ज सभी कांडों में न्यायिक प्रकिया का सामना करना पड़ेगा.

इससे पूर्व भी लोहरदगा पुलिस के समक्ष 27 माओवादी एवं अन्य नक्सलियों ने आत्मसर्पण किये हैं जिनमें कई इनामी एवं राज्य स्तर पर कुख्यात नक्सली रहे हैं.

सभी नक्सलियों को चेतावनी दी जाती है कि ये हिंसाबादी, विवशकारी, विचारधारा त्याग कर आत्मसर्मपण कर दें तथा सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति नई दिशा का लाभ उठावे और समाज को मुख्यधारा से जुड़े अन्यथा सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई भुगतने के लिए तैयार रहे. निश्चित ही उपरोक्त नक्सलियों के आत्मसमर्पण से न केवल माओवाद एवं उग्रवाद कमजोर हुआ है बल्कि झारखंड पुलिस का भी हौसला बुलंद हुआ है. साथ ही सरकार की आत्मसमर्पण नीति भी सार्थक साबित हुई है.


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