बिहार विधानसभा चुनाव 2025 : PK का बड़ा दांव! प्रीति किन्नर और डॉ. शशि शेखर सिन्हा पर जनसुराज का भरोसा”


गोपालगंज:- बिहार की सियासत में अब एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।
जनसुराज आंदोलन के संस्थापक प्रशांत किशोर यानी PK ने फिर दिखाया है, कि राजनीति सिर्फ चेहरों की नहीं, सोच की भी होती है! इस बार PK ने दो ऐसे नामों पर भरोसा जताया है, जो राजनीति की परंपरागत सीमाओं को तोड़ रहे हैं -प्रीति किन्नर और डॉ. शशि शेखर सिन्हा। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जनसुराज ने अपने 51 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है और इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं - गोपालगंज जिले के दो नाम। गोपालगंज सीट से डॉ. शशि शेखर सिन्हा, और भोरे (सुरक्षित) सीट से प्रीति किन्नर। गोपालगंज साथ में दोनों उम्मीदवार अपने-अपने इलाकों में सामाजिक कामों और जनता से गहरे जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं।
और यही बात उन्हें बाकी पार्टियों से अलग बनाती है। भोरे विधानसभा सीट से जनसुराज ने उतारा है एक ऐसा नाम - जो समाज की सबसे वंचित श्रेणी से आती हैं, लेकिन दिल में है जनता के लिए एक बड़ा सपना। प्रीति किन्नर, मूल रूप से सीतामढ़ी जिले के सोनवर्षा प्रखंड के खाप गांव की रहने वाली हैं। लेकिन पिछले दो दशक से वे भोरे प्रखंड के कल्याणपुर में रह रही हैं। समाजसेवा, इंसानियत और संघर्ष यही उनकी पहचान है। बधाई गाना और पशुपालन उनकी रोज़ी-रोटी है, लेकिन उनके कामों ने उन्हें जनता के दिल में जगह दी है। अब तक उन्होंने 27 गरीब लड़कियों की शादियां करवाईं और जरूरतमंदों की मदद में हमेशा सबसे आगे रहीं। हाल ही में उन पर जाति छिपाने के आरोप लगे,लेकिन प्रीति ने साफ कहा -“मैं राजनीति में सत्ता के लिए नहीं, समाज की सेवा के लिए आई हूं।” आठवीं तक शिक्षित प्रीति का प्रभाव खासतौर पर
गरीब, पिछड़े और दलित तबकों में गहरा है और यही कारण है कि भोरे सीट पर मुकाबला अब दिलचस्प हो गया है। एक तरफ हैं बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और दूसरी तरफ प्रीति किन्नर - जनता के दिल की आवाज़।
कौन हैं डॉ. शशि शेखर सिन्हा?
वहीं दूसरी ओर, गोपालगंज सीट से PK ने जिस नाम पर भरोसा जताया है, वो हैं - डॉ. शशि शेखर सिन्हा। भूमिहार समाज से आने वाले डॉ. सिन्हा अब तक राजनीति के पीछे की ताकत यानी “किंग मेकर” रहे हैं। लेकिन इस बार वे खुद चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। वे गोपालगंज के वरिष्ठ चिकित्सक और समाजसेवी डॉ. राम एकबाल सिंह के पुत्र हैं।
राजनीति उनके खून में है - वे पूर्व मंत्री रघुनाथ पांडेय के दामाद और अमर पांडेय के बहनोई भी हैं। शिक्षा, ईमानदारी और संगठनात्मक पकड़ के चलते डॉ. सिन्हा को इलाके में एक मजबूत नेता माना जाता है। भूमिहार समाज में उनकी अच्छी पकड़ और जनता के बीच उनका भरोसा,भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। फिलहाल गोपालगंज सीट भाजपा विधायक कुसुम देवी के पास है, लेकिन अब जनसुराज ने यहां से एक सशक्त और सुसंस्कृत उम्मीदवार उतार दिया है।जनसुराज की पहली सूची से साफ है - प्रशांत किशोर जाति, पैसे और परिवारवाद से हटकर “जनता आधारित राजनीति” पर भरोसा कर रहे हैं। प्रीति किन्नर जैसी जमीनी कार्यकर्ता को मौका देना और डॉ. शशि शेखर सिन्हा जैसे शिक्षित व्यक्ति को टिकट देना बताता है कि जनसुराज बिहार की राजनीति में एक नई कहानी लिखना चाहता है।
PK की रणनीति साफ है -
हर तबके, हर वर्ग, हर समाज को प्रतिनिधित्व देना और शायद यही वजह है कि बिहार का यह चुनाव “दिलचस्प” ही नहीं,
बल्कि “ऐतिहासिक” भी हो सकता है। क्या जनसुराज का यह नया प्रयोग बिहार की राजनीति में बदलाव लाएगा? क्या जनता प्रीति किन्नर और डॉ. शशि शेखर सिन्हा जैसे चेहरों को मौका देगी? जवाब तो चुनावी नतीजे देंगे, लेकिन एक बात तय है - बिहार की राजनीति अब पहले जैसी नहीं रहेगी। जनसुराज का नया चेहरा, जनता की नई उम्मीद! अगर आपको यह वीडियो जानकारीपूर्ण लगा।
गोपालगंज से नमोनरायण मिश्रा की रिपोर्ट