भारतीय संस्कृति से जुड़ने इंडिया पहुंची मासूम : स्कूल में एडमिशन ले सीख रही देश की परंपरा, संस्कृत के कई श्लोक हैं याद

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मोतिहारी : एक तरफ लोग पैसा,रुतवा और अपनी महत्वाकांक्षाओं को लेकर विदेशों में नौकरी करने जाते हैं और करियर बनाने की होड़ में अपने वतन को भूल कर संस्कृति और संस्कारों से मुंह मोड़ लेते हैं। वहीँ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनकी जड़े अपनी मिट्टी में काफी गहरे जमी होती है जिस कारण वतन का प्यार उन्हें वापस अपने देश खींच लाता है। जिससे उनकी आने वाली पीढ़ियां अपने पूर्वजों के संस्कारों को आत्मसात कर सके।

हम बात कर रहे हैं ऐसे हीं एक शख्स प्रभाकर शरण की जो पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी के मूल निवासी हैं। प्रभाकर फ़िलहाल लैटिन अमेरिकी देश कोस्टा रिका में रहते हैं और वहां के फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने नाम हैं। उन्होंने कोस्टा रिका में जन्मी अपनी 14 वर्षीया बेटी को अपने पुरखों के संस्कृति और संस्कार को देखने,समझने व अपनाने के लिए मोतिहारी भेजा है। उन्होंने मोतिहारी के एक प्राइवेट स्कूल में प्रिया का सातवें वर्ग में नामांकन कराया है जहां प्रिया स्थानीय संस्कृति को समझ रही है।

मोतिहारी आने के बाद महज कुछ दिनों में ही प्रिया ने कई संस्कृत के श्लोक को याद कर लिया है और उसे सही उच्चारण के साथ सुनाने भी लगी है। प्रिया के स्थानीय संस्कृति को अपना लेने से प्रभाकर शरण काफी खुश हैं और अपनी बेटी पर हीं मोटिवेशनल फिल्म बना रहे हैं। इस फिल्म के जरिये वे सभी को बताएँगे कि कैसे कोस्टा रिका में जन्मी उनकी बेटी भारत के एक छोटे से जिला में आकर यहाँ की संस्कृति को सीखने के लिए खुद को यहां के अनुरूप ढाल रहीं है।


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