विदेशी मेहमान की जान आफत में : वन विभाग की उदासीनता से बरैला झील में प्रवासी पक्षियों का हो रहा है अवैध शिकार

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BAIRAILA  LAKE ME PRAWASI BIRDS KA HO RAHA HAI SIKAR BAIRAILA  LAKE ME PRAWASI BIRDS KA HO RAHA HAI SIKAR

PATNA:-

हर साल ठण्ड के दिनों में लाखों की संख्या में विदेशी मेहमान पक्षी भारत के अलग अलग हिस्सों में आते है.इसी कड़ी में वैशाली के बरैला झील में भी हज़ारों की संख्या में प्रवासी पक्षी जुटे है.बताया जाता है की साइबेरिया से हज़ारों किलोमीटर की लम्बी यात्रा तय कर ये विदेशी मेहमान नवंबर के महीने में आते है और फरवरी ख़त्म होते होते वापस अपने अपने देश लौट जाते है.लेकिन इस दौरान इन विदेशी मेहमानो के साथ अतिथि देवोभवः को मानने वाले देश में जो हस्र होता है वो शर्मसार करने वाला है. दरअसल इन विदेशी मेहमान पक्षियों का अंधाधुंध शिकार हो रहा है.

हालांकि वन विभाग इस पर रोक लगाने का दावा करता है लेकिन वो भी खोखला साबित हो रहा है.सरकार ने बरैला के उत्थान को लेकर योजनाएं भी बनाये है लेकिन अभी धरातल पर इसका असर नहीं दिख रहा है.जब से बिहार सरकार ने इसे सलीम अली जुब्बा साहनी पक्षी विहार घोषित किया है इसकी एक अलग पहचान बनी है.लेकिन जिस तरह से शिकारी यहां पक्षीयों का शिकार कर ऊँची कीमतों में बेचते है वो इस झील की ख़ूबसूरती पर ग्रहण लगा रहा है.जानकार बताते है की इन वेदशी मेहमानो एक खास वनस्पति सबसे अच्छा लगता है जिसे स्थानीय भाषा में इजारा कहते है ये यहाँ काफी पाई जाती है।

जाड़े के दिनों में खिली धूप में जब ये विदेशी मेहमान जल विहार करते रहते है तो नज़ारा देखते ही बनता है.यहाँ लालसर दिघौच सहित 59 किस्म के विदेशी पक्षी आते है। लेकिन शिकारियों की कारगुजारी से यहाँ की ख़ूबसूरती कम हो रही है.अभी हाल की बात करे तो शुक्रवार को दो शिकारियों को 7 पक्षियों के साथ पकड़ा गया लेकिन बाद में स्थानीय लोगों ने उसे छुड़ा कर भगा दिया.दरअसल स्थानीय गंगा प्रहरी इस झील के उत्थान को लेकर लगातार कार्यक्रम करते रहते हैं. पर्यावरणविद स्पेयर हेड पंकज चौधरी ने जब इन शिकारियों को देखा तो इन्हें पकड़कर वन विभाग को सूचना दी लेकिन वन विभाग के अधिकारी के सामने ही स्थानीय कुछ लोग ज़ोर ज़बरदस्ती कर इन शिकारियों को छुड़ा कर ले गए.ऐसे में ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है कि इन बेज़ुबानों के सुरक्षा को लेकर जो बाते की जाती है उसमे कितनी सच्चाई है।

एक तरफ सूबे के मुखिया जल जीवन हरयाली कार्यक्रम चला रहे है. प्रकृति और प्राकृतिक सौंदर्य के संरक्षा की बात कहते है वही दूसरी ओर वन विभाग का उदासीन रवैया सरकार की योजना को धरातल पर उतरने में रोड़ा अटका रहा है. अब ज़रुरत है विभाग को इस ओर तत्परता से ध्यान देने की ताकि बरेला की प्रकिर्तिक सुंदरता बनी रहे और मेहमान पक्षियों के कलरव से वातावरण खुशनुमा एहसास कराए।

अमित सिंह की रिपोर्ट


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