बाघमारा में पानी के लिए हाहाकार : कॉलोनी वासियों ने केशलपुरऔर वाटर फिल्टर प्लांट पर किया जमकर हंगामा

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धनबाद : बैसाख की तपती गर्मी और उस पर पानी की विकराल समस्या किसी को विचलित कर देने के लिए काफी है. आज ऐसा ही एक दृश्य बाघमारा की श्रमिक कॉलोनी से देखने को मिला है जहां महिलाओं ने प्रबंधन से आर पार की लड़ाई लड़ने की ठान चुकी हैं.

आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला----

बाघमारा का बीसीसीएल एरिया 04 अंतर्गत केशलपुर श्रमिक कॉलोनी के लोग लगातार कई महीनों से जल समस्या से परेशान रहे हैं. यहां के स्थानीय बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा जलापूर्ति की जाती है जो गत आठ महीने से पूरी तरह लचर हो चुका है. बीते मौसम में तो जैसे तैसे जुगाड़ तंत्र से काम चला पर अब तपती गर्मी में जुगाड़ तंत्र भी फेल हो गया है. तब प्रबंधन से लोगों ने गुहार लगाई. फिर जब प्रबंधन की नींद नहीं टूटी तब यहां की महिलाओं ने प्रबंधन को कुम्भकर्णी नींद से जगाने का बीड़ा उठाया. केशलपुर 02 खदान और वाटर फिल्टर प्लांट पर महिलाओं ने प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन को यह चेतावनी दी है कि अविलंब जलापूर्ति सुचारू रुप से नहीं किया गया तो आर पार की लड़ाई शुरु करते हुए कोलियरी के कार्य को भी बाधित किया जाएगा.

प्रदर्शन कर रही महिलाओं का सामना जब कोलियरी प्रबंधक नागदेव यादव से हुआ तब महिलाओं ने उनको जमकरा क्लास लगाई. महिलाओं का यह सीधा आरोप था कि कोलियरी कर्मी अपनी हाजिरी बनाकर ड्यूटी से नदारद रहते हैं,जिसका परिणाम यह रहता है कि जलापूर्ति पूरी तरह प्रभावित हो जाती है.

वहीँ मीडिया से बातचीत के दौरान जलापूर्ति बाधित रहने का कारण और जर्जर पाइप पर सवाल पूछा तब उन्होंने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि खदान में केबल चोरी होनी की यह समस्या उतपन्न हुआ है,जो चंद दिन से ही है. साथ ही यह भी कहा है कि पाइप की मरम्मती की जा चुकी है. पर यह भी साफ तौर पर देखने को मिला कि जगह जगह अधूरे पाइपलाइन के लिए जानलेवा गड्ढे बने हुए हैं और तो कहीं पाइपों से पानी के फब्बारे निकर रहे हैं. हालांकि फ़िलहाल किसी तरह से जलापूर्ति प्रारंभ कर लोगों के ग़ुस्से को शांत कराया गया. सतही यह भी आश्वासन दिया गया है कि अगले दो चार दिनों में समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.

बहरहाल जलापूर्ति की समस्या से परेशान इन लोगों को तो फ़िलहाल आश्वासन की फुहार से थोडी राहत तो मिली है पर अब देखना यह भी जरूरी होगा कि प्रबंधन द्वार इस समस्या का ठोस निदान किया जाता है या फिर हमेशा की तरह इन कॉलोनी वासियों को आश्वासन से ही संतुष्ट रहना पड़ सकता है.


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