बच्चों में बढ़ते स्क्रीन टाइम ने बढ़ाई परेशानी : पैरेंट्स ही लगा रहे मोबाइल की लत
DESK : संचार क्रांति के युग में दुनिया ने काफी प्रगति की है एक क्लिक पर कई सारे काम चुटकियों में हो जाते है,,,,जी हाँ हम बात कर रहे है मोबाइल और हाई स्पीड इंटरनेट की,,,,मोबाइल और इंटरनेट ने दुनिया को एक तरफ जहां नए आयाम दिए है वही इसका दूसरा पाह;पहलू भी है,,,,और वो पहलु है बच्चो से जुडी हुई,,,,
बच्चों में बढ़ते स्क्रीन टाइम ने अभिभावकों की चिंताए बढ़ा दी है,,,,और इसका दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहा है,,,, स्क्रीन टाइम बढ़ने से बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास पर बड़ा असर पड़ा है,,,,आज भले ही अभिभावक परेशान है की ये समस्या ख़त्म कैसे हो लेकिन कही न कहीं इसके पीछे पेरेंट्स ही ज़्यादा ज़िम्मेदार है,,
बच्चों को छोटी उम्र से ही पैरेंट्स मोबाइल फोन की लत लगा देते हैं.जो बाद में चलकर उनके लिए कई समस्याओं का कारण बन जाता है.इससे बच्चे मानसिक रूप से कमजोर होने लगते हैं जिसे वर्चुअल ऑटिज्म कहते हैं. मोबाइल फोन, टीवी और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की लत की वजह से ऐसा होता है. स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल या लैपटॉप-टीवी पर ज्यादा समय बिताने से उनमें बोलने और समाज में दूसरों से बातचीत करने में दिकक्त होने लगती है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, इस कंडीशन को ही वर्चुअल ऑटिज्म कहा जाता है. इसका मतलब यह होता है कि ऐसे बच्चों में ऑटिज्म नहीं होता लेकिन उनमें इसके लक्षण दिखने लगते हैं,,,,
सवा साल से तीन साल के बच्चों में ऐसा बहुत ज्यादा दिख रहा है,,,अब इस तस्वीर को ही देख लीजिये बच्चे कैसे एक साथ जुटकर मोबाइल देखने में तल्लीन है,,,,इतनी गहनता से मोबाइल देखने पर तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ना लाजमी है,,,,अब ज़रा इस तस्वीर को देखिये सड़क के बबगाल में कोलाहल के बीच ये बच्चा मोबाइल देखने के लिए किस तरह जगह ढूंढ लिया है ,,,ताकि कोई डिस्टर्वेंस न हो.
जानकार मानते हैं कि आजकल एकल परिवार के चलते बच्चों को माता-पिता का समय नहीं मिल पाता। अपनी व्यस्तता के बीच मां-बाप खुद ही बच्चे को मोबाइल थमा देते हैं। इससे वह आभासी दुनिया को ही अपनी असली दुनिया समझने लगते हैं। साथ ही माता पिता से जुड़ाव भी खत्म होने लगता है,,,,ऐसे में ज़रुरत है इस बात की सभी काम करते हुए भी अपने बच्चों को उचित समय दे ताकि उनका स्क्रीन टाईम काम हो सके और आनेवाली पीढ़ी का समग्र विकास हो।
अमित सिंह की रिपोर्ट