कब बुझेगी प्यास : अमृत योजना 5 साल बाद भी अधूरी,लोगों को नहीं मिल रहा पेयजल
बोकारो-चास नगर निगम में रहने वाले लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अमृत योजना के तहत लगभग 126 करोड़ की लागत से चास नगर निगम पेयजल योजना फेज 2 के कार्य का शिलान्यास वर्ष 2018 में किया गया था। 5 साल बीत जाने के बाद भी यह योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। इस योजना का कार्य टाटा की कंपनी जुस्को को दी गई है। जो नगर निगम क्षेत्र के छूटे वार्डों में पाइप लाइन,पानी टंकी के निर्माण और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करना था। योजना की अवधि 3 वर्ष थी लेकिन बीच में 1 वर्ष कोरोना के कारण योजना में विलंब हुआ लेकिन उसके बाद भी काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
दो टंकी के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। बाकी चार टंकी का निर्माण कार्य भी अधूरा पड़ा हुआ है। योजना में हुई देरी को लेकर राज्य के नगर विकास विभाग के द्वारा भी इसकी मॉनिटरिंग नहीं की गई। जिस कारण लोगों को समय से पानी भी नहीं उपलब्ध हो पाया। हालांकि चास नगर निगम के निवर्तमान मेयर ने इस कार्य में करोड़ों का भुगतान किए जाने का आरोप लगाया है और कहा है कि करोड़ों के भुगतान के बाद भी काम पूरा नहीं होना जांच का विषय है। चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने कहा कि इस काम की मॉनिटरिंग थर्ड पार्टी करती है और भुगतान भी थर्ड पार्टी के निरीक्षण के बाद ही किया जाता है। ऐसे में काम में विलंब हुआ है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।