32 साल पुराने मामले में पप्पू यादव बरी : 5 माह से जेल में बंद थे सांसद पप्पू यादव
बड़ी खबर मधेपुरा से आ रही है जहां पूर्व सांसद और जाप नेता पप्पू यादव को 32 साल पुराने मामले में बरी कर दिया गया है।इस मामले की सुनवाई मधेपुरा सिविल कोर्ट में चल रही थी और इसी मामले में कोर्ट द्वारा जमानत रद्द किये जाने के बाद वे पिछले 5 महीने से जंल में बंद थे।कोर्ट ने पिछली तारीख 30 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी और आज का दिन फैसले के लिए निर्धारित किया था।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष अदालत (MP/MLA cases) मधेपुरा निशिकांत ठाकुर ने पप्पू यादव को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया हैं. यह मामला 32 साल पुराना है जिसमें अपहरण के एक मामले में पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) समेत कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।
बरी के बाद क्या बोले पप्पू यादव
बरी होने के बाद पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज न्याय की जीत हुई है।कोर्ट ने भगवान की तरह फैसला सुनाया है पर उन्हें समझ में नहीं आ रही है कि जिस केस में आज उऩ्हें बरी किया गया..उस मामले में 5महीने तक उन्हें जेल में क्यों रखा गया और तरह तरह से प्रताड़ित क्यो किया गया।सरकार पर ।परोक्ष रूप सरकार पर निशाना साधते हुए पप्पू यादव ने कहा कि देश का लोकतंत्र खतरे में हैंआपातकाल की तरह सरकार के खिलाफ उठ रहे आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।विपक्ष भी अपनी भूमिका नहीं ऩिभा पा रहा है।
क्या था पूरा मामला-
दरअसल 32 साल पहले शैलेन्द्र नामक व्यक्ति ने मुरलीगंज थाना में एक अपहरण का मामला दर्ज करवाया था।शिकायतकर्ता शैलेन्द्र की मानें तो वे और पप्पू यादव दोस्त की तरह थे।उसके एक साथी द्वारा प्रेम विवाह किये जाने के बाद पप्पू यादव नाराज हो गये थे जिसके बाद उनलोगों के बीच विवाद हो गया था।विवाद के बाद पप्पू यादव ने मुरलीगंज के मिडिल चौक पर उनके दो साथी को जबरदस्ती उठा लिया था, जिसकी शिकायत उन्हौने थाना में लिखित में दी थी।हलांकि उनका दोनो सहयोगी दो दिन के बाद सकुशल वापस आ गया था।इसके बाद दोनो पक्षों द्वारा कोर्ट में मेल पिटीशन डाला गया था जिसमें अन्य आरोपी बरी हो गये थे और दोनो पक्ष इस केस को खत्म हुआ मान लिया था पर 32 साल बाद पुलिस ने पप्पू यादव को इस मामले में फरार बताते हुए गिरफ्तार कर लिया।पुलिस की मानें तो कोर्ट में उपस्थित नहीं होने की वजह से कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी थी और वारंट जारी किया था।इस वारंट की जानकारी पप्पू यादव को नहीं मिल पायी थी।पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद इस केस की चर्चा देश लेवल पर होने लगी थी।
एंबुलेंस विवाद के बाद हुई थी पप्पू यादव की गिरफ्तारी
पप्पू यादव नीतीश सरकार के खिलाफ काफी आक्रमक दिख रहे थे।उन्हौने सारण के भाजपा सासंद राजीव प्रताप रूडी के सांसद निधि कोष से दिये गये एंबुलेंस के उपयोग में गड़बड़ी का मामला उठाया था जिसके बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।11 मई को पटना में जाप सुप्रीमो सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें उसी दिन देर रात मधेपुरा में एसीजेएम के न्यायालय में प्रस्तुत किया था जहाँ से कोर्ट ने उन्हें रिमांड कर बीरपुर उप कारा भेज दिया था. उनकी मांग पर मधेपुरा न्यायालय ने उन्हें आवश्यक चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने का आदेश जेल प्रशासन को दिया था. जिसके बाद मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर उन्हें डीएमसीएच भेजा गया था. तब से लेकर अभी तक श्री यादव न्यायिक अभिरक्षा में ही हैं. इस बीच उनकी जमानत की अर्जी मधेपुरा के एसीजेएम कोर्ट में खारीज होने के बाद जिला न्यायाधीश की अदालत के द्वारा भी खारीज किया गया. श्री यादव की जमानत याचिका भी उच्च न्यायालय में लंबित है.
परन्तु मधेपुरा के न्यायालय में लंबित पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव के खिलाफ उनकी उपस्थिति पूर्ण होते ही GR No. 68/ 1989 (Murliganj P.S. case No. 09/1989) में ट्रायल आरम्भ हो गया और गत 24 सितम्बर को MP/ MLA के मामलों को देखने के लिए बनाये गए एडीजे-3 सह विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने उनका बयान दर्ज किया और फिर गत 30 सितम्बर को कोर्ट में बहस की प्रक्रिया पूरी हुई. उसके बाद आज मामले में निर्णय सुनाते हुए उन्हें इस मामले में बरी करने का आदेश दिया है।