मोतिहारी में राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन : सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रिसर्च पर हुआ वर्कशॉप, शोधार्थियों का हुआ जुटान
MOTIHARI : महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) के सहयोग से 10 दिवसीय शोध प्रविधि पाठ्यक्रम (आरएमसी) का उद्घाटन राजकुमार शुक्ल सभागार में हुआ।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रिसर्च पर वर्कशॉप का आयोजन
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय गया के कुलपति प्रो. केएन सिंह और महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिए। मुख्य अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके और दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया ।
शोधार्थियों का हुआ जुटान
स्वागत उद्बोधन करते हुए सामाजिक विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सुनील महावर ने देशभर के शोधार्थियों का गांधी की धरती पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शोध के दिशा-निर्देश के लिए यह कार्यशाला आयोजित हो रही है। कोर्स निदेशक डॉ. नरेंद्र आर्या ने कोर्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्कशॉप में देशभर से 195 आवेदन आए। देश के 31 राज्यों एवं अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों से आवेदन आए। इसमें से हमने 30 लोगों को चिह्नित कर इस दस दिवसीय कोर्स में आमंत्रित किया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे केंद्रीय विश्वविद्यालय गया के कुलपति प्रो. केएन सिंह ने कार्यशाला में शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों का एकमात्र उद्देश्य समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए ज्ञान का सृजन, उन्नति और प्रसार करना है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक विज्ञान में शोध से शिक्षण और प्रशिक्षण पाने वाले पूर्ण रूप से विद्या ग्रहण कर शिक्षित और प्रशिक्षित होंगे इसलिए यह कार्यक्रम शोध कर रहे छात्रों के लिए एक उपहार है।
इसके अलावा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने शोधार्थियों को एक अलग नजरिए से देखने एवं सोचने का अवसर मिला है और उन्हें इस अवसर का उपयोग अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त करने, नेटवर्क बनाने और खुद का मूल्यांकन करने के लिए करना चाहिए।
साथ ही इस तरह के शोध कार्यक्रम के माध्यम से छात्र बाहरी जानकारी को भी हासिल कर सकते है। आपको बता दें कि यह कार्यक्रम 10 दिनों के लिए चलाया जा रहा है, जिसमें देशभर से कुल 30 शोध करने वाले लोग भाग लिए हैं ।