वायनाड से लड़ेंगे चुनाव : राहुल गांधी के लिए कांग्रेस ने क्यों चुना सेफ सीट ? कहीं ये बात तो नहीं...समझिए ऐसे
Desk: राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी की ओर से इसकी घोषणा कर दी गई। 39 सीटों पर कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति ने नामों का ऐलान कर दिया है। जिसमें राहुल गांधी, भूपेश बघेल, शशि थरूर का नाम भी शामिल है।
दरअसल,राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है। उन्हें लोकसभा पहुंचाने के लिए सबसे सेफ सीट नॉर्थ केरल के वायनाड को चुना है। जहां उनका सीधा मुकाबला बीजेपी से नहीं है। वायनाड सीट को बीजेपी ने अपने सहयोगी बीजेडीएस को दे दी है। ऐसे में राहुल गांधी पर बीजेपी सीधा हमला नहीं कर सकती है।
वायनाड सीट पर राहुल गांधी का मुकाबलासीपीआई नेता डी राजा की पत्नी एनी राजा से होगा। जिसके मुकाबले कांग्रेस युवराज का पलड़ा भारी है। इस लोकसभा सीट में सात विधानसभा सीटें हैं,जिनमें से चार एलडीएफ और तीन यूडीएफ के पास है। यहां कि50पंचायतों में29एलडीएफ और21यूडीएफ के पास है। जबिक जातीय समीकरण को देखें तो56प्रतिशत मुस्लिम, 34प्रतिशत हिंदू, 9प्रतिशत ईसाई और एक प्रतिशत जैन वोटर्स हैं। अल्पसंख्यक वोटरों के कारण ही राहुल गांधी के लिए यह सीट सुरक्षित मानी जा रही है।
इतने के बावजूद भी कांग्रेस किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है । यहां पर राहुल गांधी के सपोर्ट के लिए लेफ्टिनेंट मुल्लापल्ली रामचंद्रन,केसी वेणुगोपाल,केरल के पूर्व सीएम ओमन चांडी और विपक्षी नेता रमेश चेन्निथला को तैनात किया गया है। ये सभी लोग नामांकन बाद चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे, ताकि राहुल गांधी देश के अन्य हिस्सों में घूम-घूमकर पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर सकें।
केरल की राजनीति दो हिस्सों एलडीएफ और यूडीएफ में बंटी है । कांग्रेस और मुस्लिम लीग यूडीएफ का हिस्सा है। चार निकायों में से तीन पर एलडीएफ का कब्जा है। यूडीएफ के खाते में सिर्फ एक नगरी निकाय है। 2019 के लोकसभा चुनाव में यूडीएफ ने 19 सीटें जीती थीं। कांग्रेस के खाते में 15 सीटें आईं थी। एलडीएफ को एक सीट से संतोष करना पड़ा था, जबकि बीजेपी और उसके अलायंस का खाता भी नहीं खुल पाया था।