शिक्षा विभाग में नोडल ऑफिसर का क्या काम ? : नोडल ऑफिसर की नियुक्ति का क्या है मकसद, क्या विवि के कामकाज में आयेगी पारदर्शिता ? पढ़िये पूरी खबर

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पटना : बिहार में सरकारी परंपरागत विश्वविद्यालयों की दिक्कतों को दूर करने के मकसद से नो़डल ऑफिसर की नियुक्ति कर दी गई है. शिक्षा विभाग ने 12 जून को संपन्न हुई बैठक में हर विश्वविद्यालयों के लिए एक-एक नो़डल ऑफिसर की नियुक्ति का वादा किया था और कल शिक्षा विभाग ने आदेश के जरिए इस वादा को पूरा कर दिया है. उम्मीद की जा सकती है कि नोडल ऑफिसर की नियुक्ति होने से विश्वविद्यालयों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और उन्हें समस्या के समाधान के लिए पटना आने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.

शिक्षा विभाग और विश्वविद्यलायों के बीच रिश्तों पर पड़ी बर्फ पिघलने लगी है,. 12 जून को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ की अगुवाई में हुई बैठक के बाद कई ऐसे निर्णय लिये गए हैं जो विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता की कवायद के लिए काफी है, कल शिक्षा विभाग ने आदेश के जरिए सभी 13 परंपरागत विश्वविद्यालयों के लिए नोडल ऑफिसर की नियुक्ति कर दी है, . विश्वविद्यालयों को भी सरकार के इस फैसले से राहत मिलती दिख रही है,. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर के सिंह के मुताबिक, रोजाना के काम के लिए विभाग जाना मुश्किल था . अब ऐसी मुश्किल दूर होने की उम्मीद है. वहीं टीपीएस कॉलेज के प्रिंसिपल उपेंद्र प्रसाद सिंह सरकार के फैसले से सहमत दिखते हैं.

सवाल ये है कि आखिर विश्वविद्लायों के लिए नो़डल ऑफिसरों की नियुक्ति की जरूरत कोई आ पड़ी है. दरअसल पटना में स्थित पटना विश्वविद्यालय या पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अधिकारी शिक्षा विभाग आकर काम निपटा लेते थे लेकिन उनका क्या जिन्हें भागलपुर, पूर्णिया, मुंगेर से पटना आने की जरूरत आ रही थी. दूसरी ओर विश्वविद्यालयों के अलग-अलग काम काज के लिए रोजाना शिक्षा विभाग को फोन घनघनाता होता था. अब इसी समस्या के समाधान के लिए नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की गई है. एक नजर अलग-अलग विश्वविद्यालयों के लिए नियुक्त होने वाले नोडल ऑफिसर पर

विश्वविद्यालय नोडल ऑफिसर के नाम

पटना विश्वविद्यालय प्रोफेसर रेखा कुमारी, उच्च शिक्षा निदेशक

जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा सुबोध कुमार चौधरी

ललित नाराय़ण मिथिला विवि, दरभंगा अनिल कुमार

कामेश्वर सिंह दरभंगा विवि, दरभंगा अनिल कुमार

भीमराव अंबेडकर विवि,मुजफ्फरपुर सुश्री विनिता

मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर मुकेश रंजन

बीएन मंडल विवि, मधेपुरा सचिंद्र कुमार

पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया नसीम अहमद

आर्यभट्ट ज्ञान विवि, पटना दीपक कुमार सिंह

पाटलिपुत्र विवि, पटना दीपक कुमार सिंह

नालंदा खुला विवि, नालंदा दिवेश कुमार चौधरी

अरबी फारसी विवि, पटना दिवेश कुमार चौधरी

बिहार उच्चतर शिक्षा आयोग के उपनिदेशक प्रोफेसर कामेश्वर झा के मुताबिक, पिछले छह महीने से बिहार भर के विश्वविद्यालय प्रयोगशाला बन गए थे. लिहाजा इस तरह की नियुक्ति सही है. हालांकि वो विश्वविद्यालय को भी ठोस कामकाज की नसीहत देते हैं।

बिहार में शिक्षा विभाग का बजट 52 हजार करोड़ रूपए हैं और इसी में 4200 करोड़ सिर्फ विश्वविद्यालयों पर खर्च होते हैं. विश्वविद्यालय छात्र के भविष्य और उम्मीद का केंद्र बने ...इसके लिए जरूरी है कि काम काज में पारदर्शिता लाई जाए.