बिहार को बाढ़ से मिलेगी निजात : उतर बिहार में बाढ़ का स्थायी समाधान तलाशने पटना पहुंची केन्द्रीय टीम के साथ जल संसाधन मंत्री संजय झा ने की बैठक, दिए ये निर्देश
DESK:हमें शेयर करते हुए खुशी है कि उत्तर बिहार में बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान तलाशने के मेरे अनुरोध पर केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति के साथ आज पटना स्थित आवास पर हुई बैठक में इस मुद्दे पर सार्थक विचार-विमर्श हुआ। बिहार के जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभवों के आधार पर मैंने बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के लिए कई सुझाव दिये और समिति ने मेरे सुझावों को गंभीरता से नोट किया।
इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। मुझे विश्वास है,एनडीए की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी। हमारे उत्तर बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है। वहां बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान होने और अधिशेष नदी जल का सिंचाई में अधिकतम उपयोग होने पर संपूर्ण उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार के विकास तथा उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से विस्तृत चर्चा के बाद मैंने गत शुक्रवार (28 जून,2024) को पूर्वाह्न में माननीया केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की थी,जो काफी सार्थक रही। माननीया वित्त मंत्री जी ने उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने से संबंधित मेरे सुझावों को काफी गंभीरता से सुना;और उसी दिन शाम में एक और उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई,जिसमें मुझे भी शामिल होने के लिए कहा गया था।
28 जून की शाम हुई मीटिंग में केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर जी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव सुश्री देबश्री मुखर्जी जी के अलावा वित्त, विदेश और जलशक्ति मंत्रालय तथा केंद्रीय जल आयोग के कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हुए। मीटिंग में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर नये बराज के निर्माण की संभावना तलाशने और नदी जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। मैंने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में कितनी बड़ी बाधा है। साथ ही, बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों और राहत एवं पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित होता है।
मैं आभारी हूं केंद्रीय वित्त मंत्री जी का, कि उनकी व्यक्तिगत अभिरुचि के कारण उस मीटिंग में तय किया गया कि एक उच्चस्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी। केंद्रीय जल आयोग द्वारा उसी शाम पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया। समिति में लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन (LGBO), पटना के मुख्य अभियंता अंबरीश नायक, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) के डायरेक्टर संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के तहत BCD के डायरेक्टर एस के शर्मा, जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रतिनिधि रवींद्र शंकर और LGBO के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर शामिल हैं।