RLJD में शामिल हुए डॉ. मोनाजिर हसन : बोले उपेन्द्र कुशवाहा : नीतीश मेरे बड़े भाई, महागठबंधन से जल्द निकलें बाहर
PATNA :आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी गोटी सेट करने की जुगत में लग गयी है। इसी कड़ी में नीतीश के काफी करीबी रहे और राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी अपने कुनबे का विस्तार करना शुरू कर दिया है। पूर्व सांसद और नीतीश सरकार में मंत्री रहे डॉ. मोनाजिर हसन ने आज उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी RLJD का दामन थाम लिया।
डॉ. मोनाजिर हसन ने थामा दामन
उपेन्द्र कुशवाहा की मौजूदगी में डॉ. मोनाजिर हसन ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि डॉ. मोनाजिर हसन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बिहार की राजनीति का बड़ा नाम हैं। मोनाजिर हसन साहब आज हमारी पार्टी में शामिल हुए हैं। इनके साथ हजारों की तादाद में कार्यकर्ता भी शामिल हुए हैं।
"महागठबंधन से शीघ्र बाहर निकलें नीतीश"
राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी चाहत है कि सीएम नीतीश कुमार जल्द से जल्द महागठबंधन से बाहर निकलें वरना वहां उनकी उम्र कम हो जाएगी। वो मेरे बड़े भाई हैं। मुझे वहां उन्हें देखकर अच्छा नहीं लग रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी का फैसला बीजेपी को ही लेना है।
नीतीश के लिए कुशवाहा ने कही ये बात
इसके साथ ही उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एकबार फिर बिहार को साल 2005 के पहले वाले बिहार के दौर में ले जाना चाहते हैं। वे मेरे बड़े भाई है। वे बिहार को कहां से कहां ले गये थे लेकिन अब सियासत की उनकी अंतिम पारी चल रही है। वे अब बिहार को उन्हीं लोगों को सौंपना चाहते हैं, जो लोगों को मंजूर नहीं है इसलिए लोग हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
"समाप्ति की कगार पर है जेडीयू"
उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी पर प्रहार करते हुए कहा कि जेडीयू अब समाप्ति की कगार पर है। कुछ नेता नीतीश कुमार के गुणगान में जुटे हुए हैं। हालांकि सभी नेताओं ने अपना ठिकाना ढूंढ लिया है। जो नेता अभी वहां दिख रहे हैं, वो भी जल्द दूसरे जगह आपको दिखेंगे। जिस जगह पर जेडीयू है, वैसी स्थिति में हमारे पार्टी की अहमियत बढ़ गई है। लोगों की उम्मीद बढ़ गई है।
इसके साथ ही उन्होंने अमित शाह के बयान का भी हवाला दिया और कहा कि उन्होंने सही कहा था कि ये तेल और पानी का गठबंधन है। नीतीश कुमार महागठबंधन में सहज भाव से रही नहीं सकते हैं। 2017 में तेजस्वी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था, तब नीतीश कुमार ने तेजस्वी को पब्लिक डोमेन में जाकर कहने को कहा था। पर तेजस्वी ने नहीं कहा। इसके बाद गठबंधन से अलग हुए थे। आज स्थिति और भी भयावह हो गई है। नीतीश कुमार फिर भी चुप हैं।
"महागठबंधन में अकलियत की राजनीति ख़त्म"
वहीं, उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का दामन थामने वाले डॉ. मोनाजिर हसन ने कहा कि महागठबंधन में अकलियत की राजनीति खत्म हो रही है। जेडीयू और आरजेडी में लगातार अकलियतों की अनदेखी हो रही है लिहाजा नये बिहार के निर्माण और उपेन्द्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए हम सभी एकजुट हुए हैं।
इसके साथ ही डॉ. मोनाजिर हसन ने कहा कि बिहार में अब नया समीकरण बनाया जाएगा, जो बिहार के लोगों को एक नया आयाम दे सके। नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए डॉ. मोनाजिर हसन ने कहा कि उनका चेहरा देखने के बाद अब दया आती है। वे अधिक दिनों तक महागठबंधन में नहीं रह सकते हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही उन्होंने महागठबंधन की सरकार से अलग होने का फैसला लिया था। आजकल यह दिख भी रहा है।