दो साल बाद गया में पितृपक्ष मेला : CM नीतीश और DY.CM तेजस्वी यादव करेंगे मेला का उद्घाटन..पितरों के लिए पिंडदान और तर्पण का महत्व..

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TWO YEAR LATER PP MELA IN GAYA. TWO YEAR LATER PP MELA IN GAYA.

गया:-दो साल बाद पितृपक्ष महासंगम का आयोजन गया में किया जा रहा है.इस बार पितृपक्ष महासंगम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करने वालें हैं.इसके लिए विष्णुमंदिर के समीप 8 सितंबर को उद्घाटन समारोह रखा गया है.इस समारोह में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत कई मंत्री शामिल होगें.

इस मौके पर जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि यह पितृपक्ष मेला विगत 2 वर्षों के बाद मनाया जा रहा है. इस वर्ष पितृपक्ष मेला में पूर्व वर्षो की अपेक्षा में अधिक संख्या में तीर्थयात्री के आने का अनुमान है. इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. तीर्थ यात्रियों के बेहतर सुविधा के लिए गांधी मैदान में तीन टेंट सिटी का भी निर्माण कराया गया है. टेंट सिटी का निर्माण पितृपक्ष मेला के दौरान पहली बार किया गया है.

तीर्थायत्रियों के आवासन,पेयजल,शौचालय के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं वहीं जगह जगह स्वास्थ्य शिविर भी लगाए जा रहें हैं.मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारियों एवं जवानों की विशेष रूप से प्रतिनियुक्ति की गई है.इनमें महिला पुलिसकर्मी को भी लगाया गया है.मेला में तैनात अधिकारी सेवा भाव से ड्यूटी करेंगे.

डीएम ने कहा कि पूर्व के वर्षों में फल्गु नदी में पानी नहीं रहने के कारण पिंडदानियो को तर्पण देने में काफी कठिनाइयां होती थी. फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के नजदीक सालों भर जल उपलब्ध कराने हेतु गयाजी डैम का निर्माण करवाया गया. विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी के सतही प्रवाह को रोकने के लिए 3 मीटर ऊंचा एवं 411 मीटर की लंबाई में भारत का सबसे लंबा रबर डैम का निर्माण करवाया गया है. जिसमें 65- 65 मीटर लंबाई के 06 span हैं. इसके रबर ट्यूब में आधुनिक स्वचालित विधि से हवा भरी एवं निकाली जा सकती है, जिसके कारण फल्गु नदी के जल के प्रवाह एवं भंडारण को प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा. इसके साथ ही श्रद्धालुओं के विष्णुपद घाट से सीताकुंड तक पिंडदान हेतु जाने के लिए रबड़ डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा स्टील पैदल पूल का भी निर्माण किया गया है. इसके साथ ही स्टील पैदल पुल से उतरकर सीताकुंड तक पहुंचने के लिए पैदल पथ भी तैयार किया गया है. श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी के पानी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए बाएं तट पर 752 मीटर की लंबाई में भूमिगत मनसरवा नाला का भी निर्माण किया गया है।


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