नाम रसुखवाटांड पर गांव में अभाव ही अभाव : कोडरमा का एक गांव, जहां न सड़क है न बिजली और न पानी


कोडरमा के डोमचांच प्रखंड के मसनोडीह पंचायत स्थित सखुवाटांड में रहने वाले आदिवासी टोला में सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव हैं। गर्मी के इस मौसम में इस इलाके में रहने वाले आदिवासियो को सबसे ज्यादा समस्या पानी की है।
रसुखवाटांड गांव का दुर्भाग्य कहें या शासन-प्रशासन की लापरवाही, गांव में बने एक मात्र चुआं के रूप में बने कुएं से लोगो को अपनी प्यास बुझाने के साथ साथ हर काम निबटाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है। इस गांव में तकरीबन 250 लोगों की आबादी निवास करती है। सखुवाटांड गांव के लोग सुबह उठने के साथ पानी व सोने तक पानी के बंदोबस्त को लेकर परेशान रहते हैं। स्थानीय लोगो को हर दिन एक से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर इस चुंवा तक पहुँचना होता है। पीने से लेकर घरेलू उपयोग में भी लोग इसी पानी को इस्तेमाल में लाते हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक यहां गर्मी क्या हर मौसम में पेयजल संकट बना रहता हैं ,लेकिन गर्मी में स्थिति और भी विकट हो जाती है। यहाँ रहने वाले लोगो की माने तो चुनाव के समय वादे तो होते हैं, लेकिन जीत जाने के बाद समस्या जस की तस बनी रह जाती है। ग्रामीण चुआं व नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। यही नहीं दूषित पानी पीने की वजह से ग्रामीण गंभीर बीमारी की भी चपेट में आ रहें हैं ।
कोडरमा से भोला शंकर की रिपोर्ट..