JHARKHAND NEWS : स्वच्छ भारत अभियान योजना में व्यापक अनियमितताएं
रांची. झारखंड के लातेहार जिले में स्वच्छ भारत अभियान योजना में व्यापक अनियमितताएं और भ्रष्टाचार सामने आया है. लातेहार जिले के विभिन्न प्रखंडों में शौचालय निर्माण के लिए भेजी गयी राशि का ब्योरा अब नहीं मिल रहा है. केंद्रीय योजना के तहत जिला जल और स्वच्छता मिशन के तहत व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण के लिए राज्य के पेयजल और स्वच्छता विभाग की तरफ से राशि मुहैया करायी गयी थी. अब सरकार द्वारा दी गयी राशि का हिसाब नहीं मिल रहा है. स्वंयसेवी संस्थाओं की तरफ से सरकार को 3.50 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का हिसाब नहीं दिया गया है. अब इसे लेकर हो हल्ला मच रहा है. पेयजल और स्वच्छता विभाग ने सभी चयनित एजेंसियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, स्वंय सहायता समूहों तथा अन्य से उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा है. सरकार की ओर से दी गयी राशि का हिसाब नहीं दिये जाने पर सभी एजेंसियों तथा व्यक्तियों से पैसे की वसूली की कार्रवाई करते हुए मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा.
जानकारी के अनुसार अमरवाडीह पंचायत की आंगनबाड़ी सेविका पर सबसे अधिक 10.20 लाख का हिसाब नहीं देने का आरोप लगा है. बालुमाथ प्रखंड के चेताग पंचायत के सरना दल के ऊपर सात लाख 92 हजार रुपये, बारी पंचायत के लक्ष्मी सेल्फ हेल्प ग्रुप पर 2.40 लाख, माल्हन पंचायत के सूर्यमुखी सेल्फ हेल्प ग्रुप पर 2.40 लाख, चेटर पंचायत के सरना सेल्फ हेल्प ग्रुप पर 2.40 लाख रुपये बकाया है. इसी पंचायत की आंगनबाड़ी सेविका पर 4.8 लाख रुपये का हिसाब नहीं दिये जाने का आरोप लगा है. इसी तरह कई अन्य सेल्फ हेल्प ग्रुप हैं, जिन पर 1.56 लाख रुपये से लेकर 1.80 लाख रुपये तक का बकाया दिखाया जा रहा है.
एक व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण को लेकर 12 हजार से कुछ अधिक राशि लाभुकों के खाते में दी जाती है. एजेंसी तथा आंगनबाड़ी सेविका अथवा सेल्फ हेल्प ग्रुप को शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान संबंधित पंचायतों के मुखिया के माध्यम से किया जाता है. यानी एक चंक के पांच से दस शौचालय निर्माण होने पर राशि से संबंधित चेक का भुगतान किया जाता है. इससे पहले शौचालय का भौतिक सत्यापन भी ऑनलाइन कराना जरूरी है. शौचालय की तस्वीर के साथ लाभुकों का फोटो भी अपलोड कराना केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के पोर्टल में कराना जरूरी है.