नवादा में छात्रों ने खोल दी मिड-डे मील की सच्चाई : थाली में परोसे गये घटिया खाना पर फूटा गुस्सा, 8 किमी दूर प्रखंड कार्यालय तक किया पैदल मार्च

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 Students in Nawada revealed the truth about mid-day meal  Students in Nawada revealed the truth about mid-day meal

NAWADA :नवादा के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को घटिया खाना परोसा जा रहा है। कौआकोल प्रखंड में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय मननपुर के बच्चों ने मिड-डे मील की सच्चाई खोल दी है।

छात्रों ने खोल दी मिड-डे मील की सच्चाई

अब सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे को अच्छा खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है, जिसके बाद उत्क्रमित मध्य विद्यालय मननपुर के बच्चे परोसे गए घटिया खाने की थाली लेकर 8 किलोमीटर पैदल चलकर प्रखंड कार्यालय कौआकोल पहुंचे, जहां थाली में घटिया खाना परोसे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कौआकोल के बीडीओ डॉ. अखिलेश कुमार से बच्चों ने कहा कि विद्यालय के हेडमास्टर हम सब को घटिया खाना देते हैं, जिससे तंग आकर यह कदम उठाया गया है।

थाली में परोसे गये घटिया खाना पर फूटा गुस्सा

बच्चों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें हर दिन खराब और अशुद्ध खाना खाने को मजबूर किया जाता है। बच्चों की समस्या सुनने के बाद बीडीओ डॉ. अखिलेश कुमार ने सभी बच्चों को समझा-बुझाकर वापस स्कूल भेजा। यह मामला स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा करता है और प्रशासनिक निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

क्या है मिड-डे मील योजना?

देश के स्कूली बच्चों को फ्री भोजन उपलब्ध कराने की केंद्र प्रायोजित योजना मिड-डे मील है। इस योजना का उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करना और उन्हें नियमित स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करना है। मिड-डे मील योजना को सितंबर 2021 में बदलकर पीएम पोषण योजना यानी प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण कर दिया गया है।