नल-जल योजना की अजब कहानी : पलामू में हाथी का दांत बनकर रह गया योजना, सिर्फ कागजों में ही चल रहा
पलामू जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र मनातू प्रखंड के चक पंचायत में नल-जल योजना की अजब गजब कहानी है। ग्रामीण क्षेत्र की क्या बात करें। चौक चौराहा में भी नल-जल योजना के अजूबे नमूने दिखने को मिल रहे हैं। मनातू प्रखंड मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर उरूर गांव में नल-जल योजना के तहत संवेदक नलके की टोटी को मिट्टी में दबा कर छोड़ दिया है। जब नल ही घर में नहीं लगाया गया तो भला पानी की आपूर्ति कैसे घरों में होगी। कहीं नलके से पानी नहीं निकलने के कारण लकड़ी की टहनी को अंदर डाल दिया गया है।
जिले में नल-जल योजना के जिस संवेदक को जहां मौका मिला वही लाखों-की लूट कर ली, लोहे की कुछ पाइप को मिट्टी के नीचे दबाया। फिर विभाग से अपना भुगतान पाया और चलते बने। वहीं लोग शुद्ध पानी की आस में नलके की टोटी और पाइप को ही सालों से निहारते रह गए। चक पंचायत के लोगों को शुद्ध पानी पिलाने के लिए नल जल योजना चलाई गई। गांव में भी बीते साल, महीने से सड़क किनारे जमीन खोद खोद कर लोहे की पाइप बिछाई गयी। जिसे देख गांव वाले आश्चर्यचकित हुए।
पलामू से नितेश तिवारी की रिपोर्ट..