शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल : भवन के अभाव में बच्चे पेड़ के नीचे करते पढ़ाई, प्रधानाध्यापक ने BEEO से की भवन निर्माण कराने की गुहार

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चाईबासा: खबर है चाईबासा की जहां जगन्नाथपुर प्रखंड में एक ऐसा विद्यालय है जिसमें बच्चे की पढ़ाई खुले आसमान के नीचे होता है. स्कूल में भवन नहीं रहने से शिक्षक को पेड़ के नीचे बच्चे को पढ़ाना पड़ रहा है. विद्यालय के प्रधानाध्यपक ने इसके लिए उच्च अधिकारी को लिखित सूचना दी लेकिन अब तक इस पर कोई काम नहीं हो सका है.


बता दें कि डीएमएफटी फण्ड के करोड़ो रूपये पश्चिमी सिंहभूम जिले में करीब 350 विद्यालय का मरम्मतीकरण किया जा रहा है ताकी स्कूली छात्र छात्राएं सुरक्षित रूप से शिक्षा ले सकें. लेकिन इसी जिले में जगन्नाथपुर प्रखंड में करीब 200 बच्चे विद्यालय भवन के अभाव में आम के पेड़ के नीचे शिक्षा ले रहे हैं. जगन्नाथपुर प्रखंड के खमनिया गांव जहां इस गांव में प्राथमिक विद्यालय खमनीया एवं प्राथमिक विद्यालय पदमपुर दोनों एक ही जगह पर स्थित है. गांव में विद्यालय भवन 2018 में विद्यालय भवन पूर्णत: जर्जर अवस्था होने से उसे आला अधिकारियों के निर्देश पर तोड़ दिया गया. जिसमें प्राथमिक विद्यालय खमनीया स्कूल का पदमपुर प्राथमिक विद्यालय से मर्ज कर दिया गया. पदमपुर प्राथमिक विद्यालय के एक ही कमरे में ही छात्र-छात्राओं का पठन पाठन हो रहा है. एक कमरे में 4,5 कक्षा के छात्र पढ़ते हैं. कुल 49 छात्र एक ही कमरे में पढ़ते हैं. बाकी कमरे के अभाव में कक्षा 1,2,3 वर्ग के कुल 90 छात्र बाहर में एक आम वृक्ष के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं. स्कूल में कुल 157 छात्र अध्ययन करते हैं. यहां विद्यालय भवन नहीं होने से काफ़ी दिक्कत हो रही है. बारिश का मौसम आने वाला है. अचानक बारिश आ जाने पर बच्चों को मजबूरी में एक ही कमरे में जाना पड़ेगा.

स्कूल के प्रधान शिक्षिका पुष्पा कुमारी गिरी ने कहा कि2018से विद्यालय का भवन जर्जर रहने से स्कूल का भवन तोड़ दिया गया. तबसे खमनियां विद्यालय मर्ज होने की वजह से पदमपुर स्कूल के एक ही कमरे बिल्डिंग में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं. अभी खमनिया प्राथमिक विद्यालय के नाम से विद्यालय में बच्चे पढ़ते हैं. और उन्होंने कहा कि एक कमरे में ही ऑफिस भी चलता है और मिड डे मील का चावल बोरा भी रहता है. रूम के अभाव में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. स्कूल के बाहर चहारदीवारी भी नहीं हुई. स्कूल से सटकर ही सड़क है. गाड़ी का आवागमन रहने से बच्चों को खतरा है.सुरक्षा व्यवस्था के लिए चहारदीवारी होना जरूरी है. इस समस्या को देखते हुए जगन्नाथपुर बीईईओ को लिखित आवेदन5बार दे चुकी हूं. लेकिन बोलते हैं जिला को रिपोर्ट भेजी गई है.

इस संबंध में बीईईओ इंद्रदेव कुमार को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट जिला को भेज दी गई है. जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर डीएमएफटी फंड द्वारा नया विद्यालय निर्माण प्रक्रिया शुरू होने की बात कही.