Bihar : कांवरिया पथ अनियमितता के मामले में 10 वर्षों के लिए ब्लैक लिस्ट हुआ संवेदक, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का बड़ा बयान

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 Sensor blacklisted for 10 years in Kanwaria Path irregularity case  Sensor blacklisted for 10 years in Kanwaria Path irregularity case

PATNA : श्रावणी मेले से जुड़े कांवरिया पथ से जुड़ी अनियमितता के मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इस बाबत प्रदेश के उपमुख्यमंत्री-सह-पथनिर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पत्रकारों को बताया कि कांवरिया पथ पर बालू बिछाने और नियमित जल छिड़काव के कार्य में अनियमितता का मामला संज्ञान में आया था। इस संबंध में बाकायदा मुख्यालय से टीम भेजकर सघन जांच की गई। जांच में अनियमितता के प्रमाण मिलने के बाद हमने इस परियोजना से जुड़े संवेदक मेसर्स बालकृष्ण भालोटिया प्रा. लि. को अवैध बालू उपयोग के लिए करीब साढ़े चार करोड़ रुपए जुर्माने के साथ अगले 10 वर्षों के लिए काली सूची में डालने का निर्णय लिया है। साथ ही दोषी अभियंताओं पर नियमानुसार कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस परियोजना में कुल 18494.549 वर्गमीटर में गंगा बालू का उपयोग किया गया है, जिसके विरूद्ध 4515.33 वर्गमीटर गंगा बालू का सत्यापित चालान ही उपलब्ध कराया गया जबकि कार्य विभागों द्वारा लघु खनिजों से जुड़े चालान के सत्यापन के बिना संवेदकों को स्वामित्व भुगतेय नहीं होता लिहाजा यह मामला कार्य में अनियमितता के साथ-साथ खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशों की अवमानना का भी है।

विजय कुमार सिन्हा ने आगे बताया कि बतौर खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री के रुप में भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने सभी परियोजनाओं के प्राक्कलन कार्य को पूरी सतर्कता के साथ करने के निदेश दिए हैं। इसके साथ ही सरकार ने लघु खनिजों के खनन, परिवहन और भंडारण के अवैध उपयोग तथा राजस्व अपवंचन को रोकने के लिए नई खनन नियमावली में भी संशोधन किया गया है। अब कार्य विभागों से वैध खदान से खनिज क्रय के समर्थन में अपने विपत्रों के साथ खनन विभाग द्वारा निर्गत ई-चालान की प्रति लगाना भी अपेक्षित होगा।

अवैध रूप से खनन, परिवहन एवं भंडारण किए गए लघु खनिजों का उपयोग उक्त नियमावली में दंडनीय माना गया है। दंड की राशि कुल खनिज स्वामित्व के 25 गुना और परिवहन वाहनों पर अलग से शमन शुल्क निर्धारित की गई है। संशोधित नियमावली में बगैर परिवहन चालान अथवा चालान में अंकित मात्रा से अधिक बालू/पत्थर आदि लघु खनिज लदे वाहनों को नियंत्रित करने के लिए वाहन के प्रकार के आधार पर दण्ड (शमन शुल्क) को कड़ा करते हुए छोटे एवं बड़े वाहनों के लिए 5 लाख और 10 लाख रुपए तक कर दिया गया है।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों ही स्वच्छ और सतत विकास के पक्षधर हैं। योग्यता और ईमानदारी से काम करने वालों को सरकार का पूरा संरक्षण मिलेगा और दोषी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे ताकि बिना किसी अनियमितता के त्वरित विकास को सुनिश्चित किया जा सके।

(पटना से राजीव रंजन की रिपोर्ट)