Bihar : PM मोदी के बिहार दौरे को लेकर गरमाई सियासत, लालू और तेजस्वी ने कसा तंज, कहा : फिर होगी जुमलों की बारिश, खाएंगे लिट्टी-चोखा और....

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Politics heated up regarding PM Modi visit to Bihar Politics heated up regarding PM Modi visit to Bihar

PATNA :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने तीखा हमला बोला है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि पीएम मोदी के बिहार आने का मतलब है कि आज झूठ और जुमलों की बारिश होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार दिखावटी शिलान्यास और उद्घाटन करके जनता को भ्रमित कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

"चुनावी साल में ही बिहार याद आता है"

वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री के दौरे को महज चुनावी स्टंट करार दिया। उन्होंने कहा कि "अब बिहार में चुनाव होने हैं इसलिए सब आएंगे। लिट्टी-चोखा खाएंगे, मधुबनी पेंटिंग देखेंगे और बिहार को नंबर वन बनाने की बात करेंगे लेकिन सच्चाई यह है कि बिहार अब भी विकास के पैमाने पर पिछड़ा हुआ है।"

तेजस्वी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि "डबल इंजन की सरकार" को दो दशक से ज्यादा का समय मिला, फिर भी बिहार साक्षरता, प्रति व्यक्ति आय, निवेश और किसानों की स्थिति में सबसे पिछड़ा राज्य बना हुआ है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और गरीबी के मामले में बिहार नंबर वन है लेकिन सरकार सिर्फ भाषणबाजी और जुमलेबाजी करती है।

"कहां गया सवा लाख करोड़ का पैकेज?"

तेजस्वी यादव ने याद दिलाया कि 2015 के चुनाव में पीएम मोदी ने बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का वादा किया था लेकिन आज तक उसका कोई हिसाब नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री ने चंपारण में चीनी मिल चालू करने का वादा किया था और कहा था कि अगली बार वहीं की चाय पीएंगे लेकिन बिहार के किसानों और मजदूरों की हालत जस की तस बनी हुई है।"

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में विकास कार्य ठप हैं, किसान संकट में हैं और युवा पलायन करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का असली मकसद चुनाव को मैनेज करना है, न कि बिहार के लोगों की भलाई के लिए काम करना।

चुनावी रणनीति या विकास का वादा?

पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। अब देखना होगा कि बिहार की जनता को पीएम मोदी की घोषणाओं पर कितना भरोसा होता है और क्या यह दौरा सिर्फ चुनावी राजनीति तक सीमित रहेगा या बिहार को कोई ठोस सौगात मिलेगी।