पेयजल संकट गहराया : जमशेदपुर के लोग पानी समस्या को लेकर सड़क पर उतरकर जताया विरोध
जमशेदपुर: खबर है जमशेदपुर की जहांभुइयांडीह के बाबूडीह मोहल्ले के लोग बर्तनों के साथ पेयजल समस्या के विरोध में सड़क पर उतर आए. कई बार प्रशासन के संज्ञान में बात लाने के बावजूद समाधान नहीं होने पर बाबूडीह मोहल्ले के लोगों ने नाराजगी जताई.
बढ़ती गर्मी के साथ झारखंड में पेयजल संकट गहरा गया है. बढ़ते तापमान की वजह से नदी,तालाब और झरने जैसे जलस्त्रोत सूख गए हैं और भूमिगत जल का स्तर भी काफी नीचे चला गया है. स्थानीय निकाय और प्रशासन द्वारा किया जा रहा इंतजाम नाकाफी साबित हो रहा है. टैंकर से पानी की आपूर्ति की जाती है लेकिन वो नहाने,पीने और कपड़े धोने जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए काफी नहीं है. ऐसे में जमशेदपुर स्थित भुइयांडीह के बाबूडीह मोहल्ले में लोग पेयजल की किल्लत से आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आए.
वहीं आज भुइयांडीह के बाबूडीह मोहल्ले के लोग बर्तनों के साथ पेयजल की किल्लत के विरोध में सड़क पर उतर आए. दरअसल, बाबूडीह मोहल्ले की कुल आबादी तकरीबन 25 हजार है. वैसे तो मोहल्ले में जुस्को द्वारा पानी की सप्लाई की जाती है लेकिन पिछले 1 सप्ताह से पानी का प्रेशर काफी कम है. इसकी वजह से लोगों को रोजमर्रा की दिनचर्या में परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों की शिकायत है कि कई बार प्रशासन के संज्ञान में बात लाने के बावजूद समाधान नहीं हुआ. आज बेबस होकर लोग सड़क पर उतर आए और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
गौरतलब है कि गर्मी के दस्तक देते ही ना केवल जमशेदपुर के अलग-अलग हिस्सों बल्कि राजधानी रांची सहित आसपास के जिलों और संताल परगना प्रमंडल के भी कई जिलों में पेयजल संकट गहरा गया है. बरसाती नदियां सूख गई है. कई जलस्त्रोत प्राकृतिक कारणों से खुद सूख गए तो कई तालाबों को बढ़ती आबादी के बीच मकान बनाने के लिए भर दिया गया. चूंकि,पिछले साल झारखंड में मानसून ने दागा दी. कम बारिश हुई तो भूमिगत जल का स्तर भी काफी नीचे चला गया है. कई गांवों में जलमीनार महीनों से खराब पड़े हैं जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और इतना ही नहीं बल्कि लोगों को अपने बच्चों के स्कूल जाने से रोकना पड़ रहा है. महिलाएं कहती हैं कि जबसे सरयू राय विधायक बने हैं तभी से पानी की किल्लत होने लगी है.