हाईकोर्ट प्रशासन को नोटिस : गलत तरीके से याचिकाकर्ता को सेवानिवृति दिए जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने अपने ही प्रशासन को जारी किया नोटिस
पटना हाई कोर्ट ने तत्कालीन पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा आदेश जारी कर कथित रूप से गलत तरीके से याचिकाकर्ता को सेवानिवृत्ति किये जाने के मामले में हाई कोर्ट प्रशासन को नोटिस जारी किया है। जस्टिस पी बी बजन्थरी ने शिव कुमार ओझा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार का कहना था कि बगैर कागजात और सर्विस रिकॉर्ड का सत्यापन किये ही पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा 31 जुलाई, 2020 को याचिकाकर्ता को सेवानिवृत्ति दे दी गई थी।
याचिकाकर्ता ने याचिका के जरिये सेवानिवृत करने सम्बन्धी मेमो को रद्द करने की माँग कोर्ट से किया है। याचिकाकर्ता की नियुक्ति पटना हाई कोर्ट में डेली वेज एम्प्लाई ( मजदूर ) के रूप में वर्ष 1982 में की गई थी। फिर, 17 जनवरी 1987 को पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के हस्ताक्षर से ड्राइवर का एक नया पद सृजित किया गया।
पांच वर्षों की सेवा के बाद याचिकाकर्ता ने ड्राइवर के पद पर पटना हाई कोर्ट के कार्यालय में 1 अप्रैल, 1987 को स्थाई कर्मी के रूप में योगदान दिया। स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के मुताबिक याचिकाकर्ता की जन्मतिथि 15 सितंबर, 1967 है।
याचिकाकर्ता को पे स्लीव भी जारी किया गया। याचिका कर्ता के क्लास 3 के कर्मी होने के एवज में एम्प्लॉयमेंट नंबर और जी पी एफ एकाउंट नंबर भी जारी किया गया। याचिकाकर्ता 31 जुलाई, 2020 को 44 वर्षों की सर्विस को पूरा कर लिया था।
याचिकाकर्ता के अनुसार, प्रतिवादी ने योगदान देने के वक्त याचिकाकर्ता की उम्र को 16 वर्ष और 31 जुलाई, 2020 को 60 वर्ष की सेवा को मानते हुए सेवानिवृत्ति का आदेश जारी कर दिया। इस मामले में अगली सुनवाई अब तीन महीने बाद की जाएगी।