पारसनाथ पहाड़ी को लेकर एक नया विवाद : केंद्र सरकार ने पारसनाथ पहाड़ी पर सभी पर्यटन गतिविधियों पर लगाई रोक, लेकिन आदिवासियों ने पहाड़ी पर किया अपना दावा

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रांची:केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी है लेकिन अब यहां एक नया विवाद शुरु हो गया है. आदिवासियों ने पारसनाथ पहाड़ियों पर अपना दावा कर रहा है.

संथाल समुदाय पारसनाथ पहाड़ी को मारंग गुरु के धार्मिक के रुप में मानता है. वैसे केंद्र सरकार ने झारखंड के गिरिडीह जिले में जैन तीर्थ स्थल‘सम्मेद शिखरजी पर्वत’क्षेत्र में पर्यटन और इको पर्यटन से जुड़ी सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार से इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है.

केंद्र सरकार ने कल झारखंड में जैनियों के सम्मेद शिखरजी से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी है. और राज्य सरकार को इसकी पवित्रता बनाये रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये हैं. लेकिन अब आदिवासी भी मैदान में उतड़ गये हैं. और उन्होंने इस इलाके पर अपना दावा कर रहा है. और इसे मुक्त करने की मांग की है.

केंद्र सरकार के इस आदेश से पहले राज्य और केन्द्र के बीच पत्राचार भी हुए. सीएम हेमंत सोरेन ने बीते दिनों केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर जैन समाज की भावनाओं को ध्यान में रख कर मंत्रालय की ओर से 2 अगस्त 2019 को जारी अधिसूचना के संदर्भ में निर्णय लेने का आग्रह किया. एक दिन पूर्व केंद्र ने राज्य सरकार से अधिसूचना में संशोधन को अनुशंसा भेजने को कहा था. केंद्र सरकार के अनुसार पारसनाथ इलाके को इको सेंसेटिव जो न घोषित करने की अधिसूचना राज्य की अनुशंसा के आधार पर की थी.

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा है कि राज्य सरकार जैन धर्म के इस तीर्थ स्थल की पवित्रता कायम रखने के उपाय हर हाल में सुनिश्चित करे.

इधर जैन समुदाय के बाद आदिवासी समुदाय ने भी पहाड़ पर दावेदारी कर दी है. संथाल समुदाय पहाड़ी को मारंग गुरु के धार्मिक के रूप में मानता है. संथाल समुदाय के समर्थन में अब अन्य आदिवासी समुदाय सामने आ रहे. पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने पारसनाथ मारंग गुरु बचाओ आंदोलन का ऐलान किया. 17 जनवरी से आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है. 17 जनवरी को पांच प्रदेशों के 50 जिलों में धरना प्रदर्शन की तैयारी है. आंदोलन के तहत भारत बंद का ऐलान होगा.