घने जंगलों के बीच नक्सली कर रहे थे अफीम की खेती : नवादा पुलिस को लगी भनक तो कर दिया नष्ट, एक गिरफ्तार, नक्सलियों को हुआ करोड़ों का नुकसान

Edited By:  |
Reported By:
 Nawada Police  Opium crop planted in Naxal affected area destroyed  Nawada Police  Opium crop planted in Naxal affected area destroyed

NAWADA :नवादा में नक्सल प्रभावित इलाका रजौली थाना क्षेत्र के पेलमो जंगल में एक एकड़ में लगी अफीम की फसल नष्ट की गई है। बताया जा रहा है कि अफीम की खेती करने के लिए माफिया और उग्रवादी संगठन जंगल में लगे हरे-भरे पेड़ों को काटकर और बर्बाद कर उस जगह पर अफीम की खेती कर रहे हैं।

पुलिस ने अफीम की फसल को किया नष्ट

नवादा एसपी अभिनव धीमान के निर्देश पर रजौली एसडीपीओ गुलशन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम और वन विभाग की टीम और भारी संख्या में पुलिस ने यह कार्रवाई की है। घने जंगलों के बीच की जमीन पर लगी अफीम की फसल लगभग तैयार हालत में थी। अगर समय रहते इसको ध्वस्त नहीं किया जाता तो करोड़ों के मूल्य का नशा बाजार तक पहुंच जाता।

एक्शन में नवादा पुलिस

रजौली थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि जंगली क्षेत्र में अफीम की बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है। सूचना के सत्यापन और आवश्यक कार्रवाई को लेकर एक विशेष टीम गठित की गई। पुलिस बल और वन विभाग की टीम शामिल थी। काफी देर तक चले ऑपरेशन में एक एकड़ जमीन पर कच्ची अफीम की खेती को नष्ट किया गया, जिसकी बाजार में कीमत लगभग एक करोड़ से ऊपर आंकी जा रही है।

पुलिस अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। मादक पदार्थ अफीम की खेती करने वाले लोगों का पता लगाया जा रहा है। वहीं, पुलिस ने मौके से एक शख़्स को अपने हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है। बताया जा रहा है कि रजौली के घने जंगलों के बीच वन विभाग की कई एकड़ भूमि पर माफिया और उग्रवादी संगठन अफीम की खेती कर रहे हैं। जंगली क्षेत्र में अफीम की खेती को संरक्षण देने का काम उग्रवादी संगठन PLFI और भाकपा माओवादी के स्लीपर सेल के सदस्य इस काम को बड़ी सफाई से करते हैं।

नक्सलियों को हुआ करोड़ों का नुकसान

इससे मोटी रकम की प्राप्ति होती है और नक्सलियों का संगठन चलाने में यह राशि सहयोग करती है। ऐसे तो वन विभाग के अधिकारी क्षेत्र में भ्रमण करते हैं लेकिन उन्हें अफीम का पौधा उनकी भूमि पर लगे होने की भनक भी कैसे नहीं लगी, ये सवाल उठ रहे हैं। जंगल में निवास कर रहे गरीब तबके के लोगों को धमका कर बहला-फुसला कर धन का लोभ देकर अफीम के खेती में उन लोगों को सम्मिलित करते हैं। उग्रवादी संगठन अफीम की खेती से अर्जित करोड़ों रुपए से अपने पार्टी को मजबूत करते हैं।

पिछले कई साल से रजौली सिरदला और गोविंदपुर थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाके में नक्सलियों की चहलकदमी पर पूरी तरह से विराम लगा हुआ है। इसका कारण यह है कि पुलिस पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपनी नजर बनाई हुई है और नक्सलियों की कोई मंसूबों को कामयाब नहीं होने दे रही है। इस बार पुलिस ने उग्रवादी संगठन को बड़ा नुकसान दिया है। नवादा पुलिस द्वारा अफीम की एक एकड़ फसल को पूरी तरह से बर्बाद करने के बाद नक्सलियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।