'नक्सलियों के खिलाफ जारी रहेगा अभियान' : गया में कुमार मयंक ने संभाला CRPF कमांडेंट का पदभार, जानें क्या कुछ कहा
गया : खबर है गया से जहां कुमार मयंक ने CRPF 159 बटालियन के कमांडेंट का पदभार संभाल लिया है। इस दौरान निवर्तमान कमांडेंट कमलेश सिंह के द्वारा उन्हें पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस दौरान उन्हें सीआरपीएफ के द्वारा गया जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चलाए जा रहे एन्टी नक्सल मूवमेंट की जानकारी भी दी गई। इस मौके पर सीआरपीएफ के कई अधिकारी मौजूद थे।
इस दौरान नवनियुक्त कमांडेंट कुमार मयंक ने कहा की नक्सलियों के खिलाफ सीआरपीएफ के द्वारा चलाया जा रहा अभियान आगे भी जारी रहेगा। विगत कई वर्षों में यह देखा गया है कि सीआरपीएफ के द्वारा चलाए जा रहे अभियान से नक्सली वारदातों में काफी कमी आई है। इतना ही नहीं सीआरपीएफ के द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सिविक एक्शन कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। क्योंकि इस अभियान के तहत कई नक्सली समाज की मुख्यधारा में वापस लौट चुके हैं और अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में नक्सली गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नक्सलियों के खिलाफ जो अभियान चलाया जा रहा है, वह आगे भी जारी रहेगा। जो लोग समाज की मुख्यधारा से भटक गए हैं, वे हमारे ही बीच के इंसान हैं। हमारा प्रयास होगा कि ऐसे लोगों को वापस मुख्यधारा में वापस लाया जाए। साथ ही जो लोग नक्सली नेटवर्क से जुड़े हुए हैं, उन्हें भी वापस मुख्यधारा में लाया जाए, यह हमारा प्रयास होगा। नक्सलियों के द्वारा क्षेत्र में जो व्यवसाइयों से पैसे की वसूली की जाती है, उस पर हर हाल में रोक लगाई जाएगी। किसी भी तरह की वसूली नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए हमलोग हरसंभव प्रयास करेंगे।
कुमार मयंक ने कहा कि वर्ष 2022 में सीआरपीएफ के महानिदेशक अमित कुमार के मार्गदर्शन में चलाए गए अभियान में बड़ी सफलता हाथ लगी है। बड़े पैमाने पर आईडी सामग्री, डेटोनेटर, केन बम, गोला बारूद, फैक्ट्री मेड हथियार, नक्सली साहित्य, वायरलेस सेट, लैपटॉप, मोबाइल फोन, ड्रोन एवं अन्य सामग्री जब्त की गई है। खासकर गया जिले के अति नक्सल प्रभावित लंगुराही, पचरुखिया, नागेबार जैसे इलाकों में कैंप लगाकर नक्सली मूवमेंट को बंद कराया गया है। यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा।