'मोती' से किस्मत 'सोना-सोना' : नौकरी छोड़ बना किसान, अनूठी खेती कर बदली किस्मत

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बेगूसराय : खबर है बेगूसराय से जहां प्राइवेट नौकरी छोड़कर एक युवा आत्मनिर्भर बनने के लिए सीप से मोती उत्पादन की खेती की शुरुआत की और देखते ही देखते अपनी किस्मत की सुनहरी कहानी खुद ही गढ़ ली। महज 18 हजार की नौकरी में दिनभर खटने वाला शख्स अब लाखों कमा रहा है। बेगूसराय के लाल की इस अनोखी पहल की सभी ओर तारीफ हो रही है।

यह युवा आत्मनिर्भर बेगूसराय के सिंघौल इलाके का रहने वाला कुणाल कुमार झा है। जिसने अपने घर के अंदर आधुनिक तरीके से 10 बाय 10 वर्ग फीट के टंकी बनाकर उसमें आधुनिक मोती उत्पादन की खेती शुरू की है। पारंपरिक खेती से अलग कुणाल कुमार ने मोती का उत्पादन शुरू की है जो इन दिनों बेगूसराय में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कुणाल कुमार घर में ही भगवान राम, भगवान कृष्ण समेत अन्य भगवान और डिजाइनर मोती का उत्पादन शुरू किया है। कुणाल ने बताया कि समुद्र में सीप के अंदर बालू के कण जाने से वहां सिर्फ गोल मोती का निर्माण होता है जबकि घर में आधुनिक तरीके से खेती करने पर सीप का ऑपरेशन कर उसमें किसी भी कलाकृति और भगवान की कलाकृति का डाइस उस में डाला जाता है जो 10 माह में वह मोती बनकर निकलता है ‌।

कुणाल ने कहा कि आज युवा बेरोजगारी में जीने के लिए मजबूर हैं। 8-10 हजार रुपए की नौकरी के लिए बड़े शहरों का दौड़ लगाते हैं। ऐसे में लोग इस मोती की खेती का साल में ढाई से तीन लाख रुपए आराम से कमा सकते हैं। कुणाल झा आईटी टेक्निकल की पढ़ाई कर एक निजी कंपनी में 18 हजार की नौकरी करते थे जहां से नौकरी छोड़कर मोती की खेती की शुरुआत की है।

उन्होंने ने बताया कि 10 /10 वर्ग फीट में टैंक बनाकर 1 हजार सीप से इस मोती की खेती की शुरुआत की जा सकती है। जिसकी लागत पहली बार एक लाख रुपए आएगा जिससे करीब तीन लाख रुपए का मोती का उत्पादन किया जा सकेगा। इसके लिए मार्केटिंग भी काफी आसान है, गुजरात सूरत से व्यवसाई आकर मोती खरीदकर ले जाते हैं। कुणाल के इस आधुनिक खेती से उसके परिजन भी काफी खुश हैं।


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