18 अगस्त को होगा अतिपिछड़ा महाजुटानः : आरक्षण का बढ़े दायरे मामले में बिहार सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के फैसला का मंत्री मदन सहनी ने किया स्वागत, फैसले के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को
Desk: अखिल भारतीय अतिपिछड़ा महासभा की ओर से पटना में मंत्री मदन सहनी ने अपने सरकारी आवास पर बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज की बैठक में अतिपिछड़ा समाज के जद (यू0) के वर्तमान एवं पूर्व मंत्री, विधायक, विधान पार्षद, पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अति पिछड़ा समाज के सभी संगठन कर्तागण एवं सामाजिक और राजनीतिक सुझ-बुझ रखने वाले बुद्धिजीवी लोग अतिपिछड़ा समाज के दशा और दिशा के स्थितियों पर विचार-विमर्श करने के लिए उपस्थित हुए।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में 500 करोड़ रूपये खर्च कर जातीय गणना कराया गया था। तदोपरांत अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़वर्ग को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत, पिछड़ावर्ग को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत का आरक्षण दायरा बढ़ाया गया था। जिसे पटना उच्च न्यायालय द्वारा पिछले 20 जून को रद्द कर दिया गया। इस आरक्षण प्रतिशत की बढ़ोतरी को पुनः लागू कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई है। इस पुनित कार्य के लिए हम सभी अत्यन्त पिछड़ा वर्ग समेत (एससी/एसटी/बीसी) की ओर से समर्थन एवं साधुवाद देते हैं।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से हम अनुरोध पूर्वक मांग करते है कि बिहार सरकार द्वारा बढ़ाये गये आरक्षण दायरा को यथावत रखते हुए भारत के संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल कराया जाय। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय से प्रार्थना (गुहार) करते हैं कि चुकी अत्यन्त पिछड़ा के यूवा वर्ग को सरकारी नौकरी में जनसंख्या के अनुसार भागीदारी नहीं है। यह तथ्य जातीय गणना में साबित हुआ हैं। इस आधार पर सर्वोच्य न्यायालय से प्रर्थना है कि जो आरक्षण बिहार सरकार द्वारा दिया गया है उसे पुनः लागू किया जाय।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि 18 अगस्त 2024 दिन रविवार को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में अतिपिछड़ा समाज का सम्मेलन किया जाएगा। जिसमें अतिपिछड़ा वर्ग के सभी जाति के लोग सम्मिलित होगें। पटना उच्च न्यायालय द्वारा रदद् की गयी आरक्षण व्यवस्था को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिये हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अतिपिछड़ा वर्ग के हितैशी है। मुख्यमंत्री अपने द्वारा किये गये कार्यों को अधुरा नहीं छोड़ते है।
सम्मेलन करने का मुख्य उद्देश्य नीतीश कुमार के द्वारा किये गये कार्य के लिए आभार प्रकट करना एवं बढ़ाये गये आरक्षण प्रतिशत को भारत के संविधान के संवैधानिक अनुसूचि 09 में दर्ज कराने हेतु प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकृष्ट कराना है। लोकतंत्र में सामाजिक एकजुटता का दवाब सरकार को न्याय देने पर मजबूर करता है। आगे मंत्री, शीला मंडल, परिवहन विभाग, बिहार सरकार ने सभा को संबोधित करते हुए कहीं कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के अधुरे सपने को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरा किये हैं, जिसे झुठलाया नहीं जा सकता है। बढ़ाये हुए आरक्षण को बचाने के लिए तमाम अति पिछड़ा समाज को 18 अगस्त को आयोजित सम्मेलन में एकजुटता का परिचय देने की जरूरत है।