मरीजों का फर्श पर होता है इलाज : एमजीएम अस्पताल की लचर व्यवस्था से मरीज परेशान

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जमशेदपुर : खबर है जमशेदपुर की जहां कोल्हन का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम है. लेकिन इस अस्पताल की व्यवस्था दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. खराब हम इसलिए कह रहे हैं कि अस्पताल में मरीज अब अपना बैग लेकर पहुंच रहा है और उसके बाद इलाज करा रहा है.

आपको बता दें कि डिमना रोड की रहने वाली श्वेता की पेट में दर्द हुआ और इलाज के लिए वह एमजीएम अस्पताल पहुंची लेकिन अस्पताल में बेड नहीं था. मरीजों को फर्श पर इलाज किया जा रहा था. उधर पेट के दर्द से कराह रही श्वेता के परिवार वालों ने बाजार से फोल्डिंग खरीद कर लाई. इसी फोल्डिंग पर बैठकर उसने अपना इलाज कराया. श्वेता के परिजन उसे लेकर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचे तो वहां बेड नहीं था. जमीन पर ही मरीज अपना इलाज करा रहे थे. डॉक्टर ने उसे जमीन पर लेट कर इलाज करवाने को कहा. इसके बाद श्वेता और उसके परिजन बाहर से फोल्डिंग खरीद कर लाए. इस पर श्वेता लेटी और उसका इलाज हुआ.

गौरतलब है कि कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम की हालत खस्ता है. यहां बेड की काफी कमी है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम से ही विधायक हैं. इसके बावजूद एमजीएम अस्पताल की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है.

एमजीएम अस्पताल में भयंकर अव्यवस्था है. डॉक्टर मरीजों से सीधे मुंह बात नहीं करते. अस्पताल में मरीजों को दवा नहीं मिलती. अस्पताल में सिर्फ मरहम पट्टी का ही काम होता है. इसीलिए गंभीर हालत में आए मरीजों को फौरन यहां से टीएमएच या रिम्स रेफर कर दिया जाता है. जिनके पास पैसा होता है वह टीएमएच पहुंच जाते हैं और जो गरीब होते हैं वह एमजीएम अस्पताल में ही दम तोड़


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