BIG BREAKING : JDU में मनीष वर्मा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गये राष्ट्रीय महासचिव, CM नीतीश के हैं खासमखास


PATNA :बिहार के सियासी गलियारे से बड़ी खबर आ रही है कि बुधवार को नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में शामिल हुए मनीष कुमार वर्मा को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। रिटायर्ड IAS अधिकारी मनीष कुमार वर्मा को जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। मनीष कुमार वर्मा को जेडीयू का नया आरसीपी सिंह कहा जा रहा है क्योंकि वो भी सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा से आते हैं और कुर्मी समुदाय से हैं।
मनीष कुमार वर्मा ने भरी हुंकार
बुधवार को JDU का दामन थामते ही मनीष कुमार वर्मा ने कहा था कि पहले मैं नीतीश जी के दिल में था और अब मैं उनके दल में आ गया हूं। यहां मौजूद सभी नेताओं से कुछ न कुछ लिखने का मौका मिला है। साल 2012 में बिहार आया था। 15 अगस्त को गांधी मैदान में मुख्यमंत्री बोल रहे थे कि मैं बिजली में सुधार लाऊंगा, अगर बिजली में सुधार नहीं ला पाया तो मैं बिहार की जनता से वोट मांगने नहीं आऊंगा, तब मैं बहुत इंप्रेस हुआ था।
इसके साथ ही मनीष कुमार वर्मा ने कहा था कि हमलोग लालटेन युग में पैदा हुए। लालटेन युग में पढ़ाई की। ये बहुत बड़ी बात थी कि कोई नेता इस तरह घोषणा नहीं कर सकता है। इससे मैं काफ़ी प्रभावित हुआ। नीतीश कुमार युगपुरुष हैं। बिहार को किस तरह से कहां से कहां पहुंचा दिया। वे हमेशा सोचते हैं कि बिहार कैसे आगे बढ़ेगा। बिहार का बच्चा कैसे आगे बढ़ेगा।
CM नीतीश के दिल से दल तक का सफर
JDU में शामिल होने से पहले मनीष कुमार वर्मा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा किया और लिखा कि सभी कार्यकर्ताओं का हृदय से धन्यवाद। हम सबको मिलकर हमारी पार्टी जनता दल (यू) को नम्बर -1 पार्टी बनाना है। आज से आपके राजनीतिक संघर्ष के साथी के तौर पर कदम-से-कदम मिलाकर चलने के लिए संकल्पित हैं।
गौरतलब है कि ओडिशा कैडर के पूर्व IAS अधिकारी रहे मनीष कुमार वर्मा जेडीयू में शामिल हो गये हैं। कहा तो ये भी जा रहा है कि पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है। फिलहाल वे राज्य आपदा प्राधिकरण के सदस्य हैं और वे VRS लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार बन गये।
नालंदा से है मनीष वर्मा का ताल्लुक
1974 में जन्मे पूर्व IAS अधिकारी मनीष वर्मा बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं। वे मुख्यमंत्री की कुर्मी जाति से ही आते हैं। वे मुख्यमंत्री के दूर के भी रिश्तेदार बताए जाते हैं। वर्ष 2000 में वह ओडिशा कैडर के IAS अधिकारी बने और सबसे पहले वह ओडिशा के कालाहांडी में सब-कलेक्टर बनाए गए थे।
इसके बाद वह गुनपुर, रायगढ़ में SDM के पद पर रहे। मनीष कुमार वर्मा को नौकरी के 5 साल बाद पहली बार मलकानगिरी जिले का DM बनाया गया था। 2012 तक वह ओडिशा में कई जिलों के डीएम रहे लेकिन साल 2012 के बाद ओडिशा को छोड़कर इंटर स्टेट डेप्युटेशन में 5 साल के लिए बिहार आ गए। इस दौरान वे पटना और पूर्णिया के DM भी रहे।
VRS के बाद राज्य आपदा प्राधिकरण के बने सदस्य
उनके ही कार्यकाल में पटना के गांधी मैदान में रावण वध के दौरान बड़ी घटना हुई थी। बिहार में 5 साल रहने के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी काम करने का मौका दिया गया। 23 मार्च 2018 को पांच साल पूरा हुआ तो भारत सरकार की मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति की ओर से पत्र जारी किया गया और इन्हें वापस ओडिशा भेजा जाने लगा तो मनीष कुमार वर्मा ने इनकार कर दिया और VRS लेकर नौकरी छोड़ दी। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें राज्य आपदा प्राधिकरण का सदस्य बना दिया। इसके साथ ही वे CM नीतीश कुमार के सलाहकार भी बन गये।