बालश्रम उन्मूलन को लेकर करें सार्थक प्रयास : DM का निर्देश, कहा : धावा दल को रखें एक्टिव, नियमित रूप से कराएं होटलों की जांच
बेतिया :बाल श्रम उन्मूलन एवं किशोर श्रम निषेध, विनियमन हेतु गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में एजेंडावार विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई।
श्रम अधीक्षक, पश्चिम चंपारण द्वारा बताया गया कि बाल श्रमिकों के विमुक्तिकरण के लिए विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। बाल/किशोर श्रमिकों के विमुक्तिकरण के साथ ही उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य तथा उनके माता-पिता को विभिन्न लाभकारी योजनाओं से लाभान्वित भी कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिले में वर्ष 2014 से अबतक 18 वर्ष आयुवर्ग के कुल-208 बच्चों को विमुक्त कराया गया है। विमुक्ति के बाद 183 बच्चों का भौतिक सत्यापन कराया गया है। 78 बच्चों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से लाभान्वित किया गया है। इसके साथ ही 14 वर्ष से कम आयुवर्ग के 39 बच्चों का एफडी संधारित कराया गया है, जिसमें 25000.00 हजार रुपये जमा कराया जाता है। 15 बाल श्रमिकों का एफडी की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद बच्चा राशि की निकासी कर सकता है।
उन्होंने बताया कि तत्काल सहायता राशि के तहत 39 बच्चों को तीन हजार प्रति बाल श्रमिक की दर से भुगतान किया गया है। साथ ही 32 बाल श्रमिकों को लाभान्वित करने हेतु विभाग से राशि की मांग की गयी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के बाद कुल 84 नियोजक के विरूद्ध FIR दर्ज कराया जा चुका है। 57 नियोजकों के विरूद्ध नीलाम पत्र वाद दायर किया जा चुका है तथा 08 नियोजकों के विरूद्ध नीलाम-पत्र दायर करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने बताया कि बाल श्रम उन्मूलन को लेकर 06 सितंबर से 16 सितंबर तक जिले में अभियान चलाया जा रहा है। जिले के सभी प्रखंडों के एक-एक पंचायत को बाल श्रम से मुक्त कराने का लक्ष्य रखा गया है। जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने कहा कि प्रभावी रूप से अभियान का संचालन किया जाए। इसके साथ ही नियमित रूप से होटलों, ढाबों, प्रतिष्ठानों, दुकानों, मोटर गैराजों आदि पर नजर रखी जाए। धावा दल को एक्टिव रखा जाए और नियमित रूप से छापेमारी कराना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि विमुक्त बच्चों/किशोरों को सामाजिक मुख्यधारा में लाने हेतु कारगर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। संबंधित विभागों यथा- समाज कल्याण, शिक्षा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा तथा अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, ग्रामीण विकास, राजस्व एवं भूमि सुधार, स्वास्थ्य, नगर विकास एवं आवास, सूचना एवं जनसम्पर्क, विधि आदि से समन्वय स्थापित कर इस दिशा में बेहतर तरीके से कार्य करें ताकि विमुक्त बच्चों/किशोरों का भविष्य बेहतर हो सके। बच्चों का शोषण करने वालों के विरूद्ध नियमानुकूल सख्त कार्रवाई की जाय।
उन्होंने निर्देश दिया कि बाल श्रम उन्मूलन किशोर श्रम निषेध एवं विनियमन हेतु विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। आमलोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं ताकि कोई भी व्यक्ति बाल अथवा किशोर श्रम नहीं कराएं।
जिलाधिकारी द्वारा श्रम अधीक्षक तथा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिलास्तर, अनुमंडलस्तर, प्रखंडस्तर तथा ग्राम पंचायत स्तर के विभिन्न बैठकों में विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों से अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को अवगत कराएं। उन्हें बताएं कि बाल/किशोर श्रम करते हुए कोई पाया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत दें, उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में मेयर, नगर निगम, बेतिया, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, नरकटियागंज अपने विचार व्यक्त किए तथा सुझाव दिए। इस अवसर पर मेयर, नगर निगम, बेतिया, गरिमा देवी सिकरिया, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, नरकटियागंज, रीना देवी, अन्य जनप्रतिनिधिगण, उप विकास आयुक्त अनिल कुमार सहित श्रम अधीक्षक, पश्चिम चंपारण, नगर आयुक्त, नगर निगम, बेतिया, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, सिविल सर्जन, प्रभारी पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।