बिहार नहीं आ रहे लालू : लालू के न आने से दिलचस्प होते होते रह गया उपचुनाव का संग्राम

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लालू यादव के आने की अटकलों पर राबडी देवी के विराम लगाने के पीछे के कई कारण

पटना। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति के कुछ दिनों पहले आरजेडी के प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने यह कहकर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी थी कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उपचुनाव में प्रचार करने के लिए 20 अक्टूबर को बिहार आएंगे। लेकिन बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने इसपर विराम लगा दिया. राबडी देवी ने साफ कर दिया कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण लालू प्रसाद यादव बिहार अभी बिहार नहीं आएंगे। उनका भी इलाज चल रहा है। राबडी देवी के इस विराम के बाद बिहार में राजनीति में लालू याजदव के आने से हलचल जो उठी थी, वह अब न सिर्फ थम जाएगी बल्कि उपचुनाव भी बेहद दिलचस्प होते होते रह जाएगा।

अब शुरु होगी चुनावी हलचल

नवरात्र खत्म होने के बाद बिहार की दो सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर उपचुनाव पर हलचल तेज हो जाएगी। नेताओं का चुनावी दौरा शुरु हो जाएगा। इस बार का उपचुनाव कुछ मायनों में दिलचस्प है। क्योंकि महागठबंदन टूट गया है और आरजेडी और कांग्रेस आमने सामने हो गए हैं। दिलचस्प पहलू यह है कि हाल के दिनों में तेज तर्रार नेता के रुप में उभरे कन्हैया कुमार कांग्रेस में आ चुके हैं। और वे 22 अक्टूबर को बिहार पहुंच रहे हैं। कभी एक ही गठबंधन में रहकर भी कन्हैया और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने एक मंच शेयर नहीं किया। लेकिन अब ये दोनों नेता आमने सामने होंगे। साथ ही जेडीयू ने इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार खडे किये हैं। जिसे एनडीए के सभी सहयोगी दलों ने समर्थन दिया है। ऐसे में पूरा एनडीए एकजुट होकर अपनी ताकत झोंकेंगा।

राबडी ने कहा- अभी नहीं आएंगे लालू

चारा घोटाला मामले में लंबे समय तक जेल में रहने के बाद लालू यादव भी बेल पर हैं और वे दिल्ली में मीसा भारती के घर पर हैं। उस समय से लगातार यह कयास लग रहे है कि लालू यादव कब बिहार आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले भाई वीरेन्द्र ने यह कुहते हुए हलचल बढा दी थी कि लालू यादव 20 अक्टूबर को बिहार आएंगे। लेकिन इस पर जब राजनीति शुरु हुई तो यह बयान भी लगने लगे कि सबकुछ उनके हेल्थ स्टेटस पर निर्भर करेगा। और बुधवार को दिल्ली रवाना होने से पहले राबडी देवी ने इसपर पूरी तरह से विराम लगा दिया। राबडी देवी ने कहा कि उनका इलाज चल रहा है इसलिए वे भी बिहार नहीं आएंगे। लेकिन राबडी देवी ने दावा किया कि आरजेडी दोनों ही सीटों पर जीतेगी।

लालू के बिहार नहीं आने के क्या मायने ?

लालू प्रसाद यादव जब से जेल से बाहर आए हैं, उनका स्वास्थ्य खराब है। तस्वीरों में उनकी खराब सेहत साफ झलकती है। ऐसे में कोई पॉलीटिकल स्ट्रेस लेने की स्थिति में लालू यादव दिखते नहीं।वरिष्ठ पत्रकार फैजान अहमद के अनुसार, दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि जो अभी चुनाव हो रहे हैं, वह उपचुनाव है और वह भी दो सीटों का। अमूमन उपचुनाव से बडे नेता दूर ही रहते हैं और उनका बहुत involvement नहीं रहता। इसका कारण यह है कि अगर किसी कारण से पार्टी चुनाव हार गयी तो बडे नेता की भद पिट जाती है और सारा इल्जाम उन्हीं पर आ जाता है। बडे नेता यह जानते हैं कि इस दो सीटों पर हार जीत से न तो आरजेडी की सरकार बनेगी और न ही नीतीश कुमार की सरकार को कोई नुकसान होगा। ऐसे में जो नेता भी मौजूदा हालात को देख रहे हैं, उन्हीं की सहभागिता रहे तो बेहतर।

इसके अलावा, जैसे ही लालू यादव बिहार आते, और उपचुनाव में प्रचार के लिए जाते। तो उनके विरोधी उनपर यह कहते हुए टूट पडते कि बेल पर राजनीतिक गतिविधि में वे कैसे शामिल हो सकते हैंम। जबकि बेल में यह शर्त है कि वे किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। वैसे भी लालू यादव ने संभवत 2015 के बाद से कोई चुनाव प्रचार नहीं किया है। जेल में रहने के कारण न ही 2019 के लोकसभा चुनाव में और न ही 2020 के विधानसभा चुनाव में।

बहरहाल, अब लालू यादव के लिए भी इंतजार अभी और करना होगा। अब देखना होगा कि उपचुनाव के बाद क्या वे बिहार आएंगे या नहीं।


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