BIHAR : मछली खाओ प्रतियोगिता का विजेता बने कुमार गौतम, हरि सहनी ने विनर्स को किया सम्मानित
PATNA :बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के तत्वावधान में 29 नवंबर को मछली-खाओ इनाम-पाओ प्रतियोगिता का आयोजन कैफे गार्डेनिया, आशियाना दीघा रोड, पटना में किया गया। प्रतियोगिता में राज्य के कोने-कोने से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए दर्जनों लोगों ने पंजीकरण कराया था। पंजीकृत लोगों को ही प्रतियोगिता में शामिल होने की अनुमति दी गई। प्रतियोगिता के प्रथम विजेता कुमार गौतम को पुरस्कार स्वरूप 5,100 रुपये, द्वितीय विजेता अमित कुमार को 3100 रुपये एवं तृतीय विजेता शैलेश कुमार को 1100 रुपये की राशि की मछली के कूपन के रूप में दी गई। इसके अलावा विजेताओं को ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए।
इस अवसर पर बिहार विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 10 लाख मैट्रिक टन मछली की खपत है जबकि उत्पादन 8 लाख मैट्रिक टन ही है। 2 लाख मैट्रिक टन का गैप है, जिसकी भरपाई आंध्रप्रदेश से मछली मंगा कर की जाती है। जिसके लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना पडता है। अगर वर्तमान सरकार प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देती है तो प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इससे प्रदेश से बाहर जाने वाली राशि की बचत होगी। इसके अलावा लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, बिहार की मिट्टी एवं पानी मछली पालन के लिए अनुकूल है। मछली पालन के लिए उत्तरी बिहार में विशाल जल क्षेत्र है। इसका लाभ प्रदेश को मिलना चाहिए।
कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि मछली-खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य लोगों में मछली खाने को प्रोत्साहित करना है। बिहार का प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 6.464 किलोग्राम मछली खा जाता है, जबकि राष्ट्रीय औसत 9 किलोग्राम है। भले ही मछली उत्पादन में बिहार अब देश के टॉप 4 राज्यों में शामिल हो गया है लेकिन मछुआरा समाज की हालत अभी भी ठीक नहीं है इसलिए बिहार में मछली की खपत बढ़ा कर जीडीपी में हिस्सेदारी और मछुआरा समाज की आमदनी में वृद्धि की जा सकती है।
उन्होंने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि बिहार मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर तभी होगा, जब सरकार और लोग सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे। लोग मछली को स्वास्थ्य के लिए खाना अनिवार्य समझेगे। उन्होंने कहा कि हफ्ते में एक बार मछली जरूर खाना चाहिए। यह सुपाच्य भी है, इसका सेवन शरीर को एक्टिव रखता है।
मछली में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो स्किन के साथ-साथ बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसके साथ ही मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी मात्रा में पायी जाती है। इसके नियमित सेवन से कैंसर का खतरा नहीं रहता है तथा यह दिल और धमनियों को मजबूत करता है। दिल के मरीजों के लिए मछली का सेवन बहुत लाभदायक है। इसमें विटामिन पाया जाता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। जो अल्जाइमर नामक बीमारी से भी छुटकारा प्रदान करता है।
इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने बतलाया कि मछली में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे सोडियम, पोटेशियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन डी और विटामिन सी आदि पाई जाती है। इस अवसर पर संघ के निदेशक लाल बाबू सिंह, प्रदीप कुमार सहनी, कुमार शुभम, सानिध्य राज, अभिलाष कुमार, मदन कुमार तथा संघ के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश सहनी, लाल बाबू सहनी तथा जितेन्द्र राज, सिमरन, अभिलाषा सिंह, मुनव्वर अली, प्रमोद कुमार रजक उपस्थित थे।