दो साल में ही कमाल : लोहरदगा के अनुराज कुंडू की प्रतिभा का कायल हुआ इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स..ककहरा से लेकर संस्कृत का श्लोक तक है कंठस्थ याद
Lohardaga:एक पुरानी कहावत है कि पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं' और इस कहावत को चरितार्थ कर रहा है झारखंड के लोहरदगा का दो साल का अऩुराज कुंडू...
महज दो साल के अनुराज कि प्रतिभा से हर किसी को हैरानी हो रही है.छोटे से अनुराज कुंडू को ही देश के सभी राज्यों और राजधानी के नाम याद है. इसके अलावा संस्कृत के श्लोक हिंदी कविता और अंग्रेजी राइम भी कंठस्थ है. इस छोटे से जीनियस का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. साथ ही बच्चे को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.बच्चे की प्रतिभा देखकर उसके माता-पिता को ऐसा प्रभावित किया.उसके बाद उनलोगों ने भी काफी मेहनत की और वह बच्चा इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा कर एक प्रेरणा बन चुका है।
अनुराज कुंडू के पिता राजेश कुंडू लोहरदगा में हिंडाल्को कंपनी से जुड़े हुए जियोलॉजिस्ट हैं जबकि मां अनिंदिता कुंडू गृहिणी है.अनुरा के बारे में उनके मात-पिता ने बताया कि अनुराज कुंडू, अनुराज का जन्म 17 मार्च 2019 को हुआ था।अनुराज में किसी भी चीज को सीखने की गजब की क्षमता है.वह बड़ी आसानी से किसी भी चीज को याद कर लेता था, धीरे-धीरे अनुराज के सीखने और याद करने की क्षमता बढ़ने लगी। उसने देखते ही देखते 24 जानवरों की पहचान, अंग्रेजी अल्फाबेट, 12 रंगों के नाम, 14 पार्ट्स ऑफ बॉडी, नौ फ्रूट्स, आठ वेजिटेबल्स, दस वाहनों के नाम, सामान्य ज्ञान से जुड़े हुए 15 प्रश्नों के उत्तर, देश के सभी राज्यों के राजधानी का नाम, नंबर, सात दिनों के नाम, 12 मंथ इन ए ईयर, मौसम के नाम, कविता यह सब कुछ महज दो साल नौ महीने की उम्र में ही सीख लिया।
अनुराज की प्रतिभा ने माता-पिता को काफी हद तक प्रभावित किया। इसके बाद अनुराज के माता-पिता ने उसकी प्रतिभा को निबंधित कराने का संकल्प लिया। उन्होंने इंडिया बुक रिकॉर्ड में अनुराग की प्रतिभा से संबंधित जानकारियों को शेयर करते हुए रिकॉर्ड करने का अनुरोध किया। जिसके बाद अनुराज को उसकी प्रतिभा में खरा पाए जाने पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में उसे स्थान दिया गया। साथ ही उसे मेडल, प्रशस्ति पत्र आदि प्रदान किया गया है। आज भी अनुराज की प्रतिभा देखने के लिए लोग राजेश और अनिंदिता के घर पहुंच रहें हैं और बच्चें की प्रतिभा की तारीफ कर रहें हैं.