कश्मीर को अलग राष्ट्र बताने के मामले में नया मोड़ : शिक्षा विभाग पर शिक्षक संघ ने लगाए गंभीर आरोप, आंदोलन की दी चेतावनी
KISHANGANJ:बिहार शिक्षा विभाग के द्वारा कश्मीर को अलग राष्ट्र बताए जाने में नया मोड़ आया है।जिन शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी उन्हें पत्र मिला ही नहीं और न ही प्रश्न पत्र प्रकाशित ही हुआ। इधर बच्चों से परीक्षा भी ले ली गयी। शिक्षक संघ ने इस मामले कहा कि शिक्षा माफिया की मिली भगत से खुद का गला बचाने के लिए अधिकारियो ने बैक डेट में नोटिस निकालकर एक नई चाल चली है। संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में अगर किसी भी निर्दोष शिक्षकों पर कार्रवाई हुई तो जिले से लेकर पटना तक व्यापक आंदोलन होगा।
शिक्षा विभाग द्वारा अलग अलग विषयों के प्रश्न पत्र को सेट करने के लिए 23 शिक्षको को जिम्मेदारी सौंपी गई थी । इन्हीं शिक्षकों के जिम्मे मॉडल सेट प्रश्नपत्र के भाषायी एवं टंकण त्रुटि को सुधार करना था।जिसमें अंग्रेजी विषय के लिए तीन एक्सपर्ट शिक्षक, रत्न कुमार, अबुल बरकत एवं तरन्नुम जहां को विभाग के द्वारा जिम्मेदारी सौंपी गई थी।विभाग द्वारा जारी पत्र में प्रश्न पत्र सुधार के बाद एक अक्टूबर तक उक्त तीनों शिक्षकों को विभाग को उपलब्ध करवाना था।लेकिन सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि जिन शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी उन्हें पत्र मिला ही नहीं और न ही प्रश्न पत्र प्रकाशित ही हुआ। इधर बच्चों से परीक्षा भी ले ली गयी।
शिक्षक संघ के नेता रागीबुर रहमान ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा की शिक्षा माफिया की मिली भगत से खुद का गला बचाने के लिए अधिकारियो ने बैक डेट में नोटिस निकालकर एक नई चाल चली है।उन्होंने बताया कि जिस नोटिस को आनन फानन में 19 अक्टूबर को निकाला गया है।जिसकी जानकारी ना ही मौखिक और ना ही लिखित रूप से शिक्षकों को मिली है। शिक्षक नेता ने बताया कि अधिकारी अपने गर्दन को बचाने और निर्दोष शिक्षकों को फंसाने के लिए वो लेटर निकाली गई है,जो बिल्कुल ही गलत है।शिक्षक नेता ने कड़े शब्दों में कहा कि अगर किसी भी निर्दोष शिक्षकों पर कार्रवाई हुई तो जिले से लेकर पटना तक व्यापक आंदोलन होगा।
वही इंग्लिश विषय के तीनों एक्सपर्ट शिक्षकों ने भी विवादित प्रश्न पत्र मामले की जांच कर रहे उप विकास आयुक्त और जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रखा है। उन्होंने अपने लिखित आवेदन में बताया कि शिक्षा विभाग किशनगंज के द्वारा उन्हें किसी प्रकार के कोई सूचना, किसी भी माध्यम से नहीं दी गई थी,और ना ही उनके द्वारा विवादित प्रश्न पत्र को संपादित किया गया था।अब देखने वाली बात होगी की आखिर जांच रिपोर्ट में क्या निकल कर आता है। दूसरी तरफ जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने इसे मानवीय भूल मानते हुए सभी विद्यालयों के शिक्षको को निर्देश दिया है की प्रश्न पत्र भूल वश अंकित हो गया है इसलिए प्रश्न को विलोपित करते हुए मूल्यांकन किया जाए ।
किशनगंज से अब्दुल करीम की रिपोर्ट ...