पंचतत्व में विलीन हुए कामेश्वर चौपाल : सुपौल के कमरैल में बेटे विवेकानंद विवेक ने दी मुखाग्नि, कई मंत्री और भाजपा नेता रहे मौजूद

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Kameshwar Chaupal merged into Panchatattva Kameshwar Chaupal merged into Panchatattva

SUPAUL : अयोध्या में राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कामेश्वर चौपाल शनिवार दोपहर 1 बजे पंचतत्व में विलीन हो गए। वे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य थे और सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में उनकी अहम भूमिका रही। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

नई दिल्ली से पैतृक गांव तक अंतिम यात्रा

कामेश्वर चौपाल का निधन दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ, जहां से उनका पार्थिव शरीर पहले पटना लाया गया। पटना में भाजपा कार्यालय और बिहार विधान परिषद में उन्हें सम्मान दिया गया। शनिवार सुबह लगभग 10 बजे उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कमरैल पहुंचा, जहां हजारों की संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़े।

कमरैल गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र विवेकानंद विवेक ने मुखाग्नि दी। इस दौरान परिवार, रिश्तेदार, राजनीतिक हस्तियां और हजारों ग्रामीण मौजूद रहे।

नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि

कामेश्वर चौपाल के अंतिम संस्कार में बिहार सरकार और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता पहुंचे। प्रमुख रूप से ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू, उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल, निर्मली विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र ऋषिदेव, कुणाल ठाकुर, जयंत मिश्रा, सचिन माधोगरिया, नलिन जायसवाल, जदयू के प्रदेश महासचिव रामचंद्र प्रसाद यादव, जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद यादव, किशोरी साह सहित कई विधायक और पदाधिकारी शामिल हुए।

वहीं, राजद विधायक चंद्रहास चौपाल और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। सुपौल जिला प्रशासन की ओर से भी उन्हें सम्मान दिया गया। एडीएम राशिद कलीम अंसारी, निर्मली एसडीएम संजय कुमार सिंह, एसडीपीओ राजू रंजन कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी।

समाज और राजनीति में उनकी भूमिका

कामेश्वर चौपाल का जीवन संघर्ष और सेवा से भरा रहा। वे अयोध्या राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे और 1989 में राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले प्रथम दलित व्यक्ति बने। उनकी इस भूमिका को भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक माना जाता है। भाजपा में वे लंबे समय तक सक्रिय रहे और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य के रूप में उन्होंने अयोध्या में मंदिर निर्माण में योगदान दिया। उनका निधन भारतीय राजनीति और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति मानी जा रही है। उनके जाने से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग और भाजपा कार्यकर्ता बेहद दुखी हैं।

गांव में शोक का माहौल

कमरैल गांव में कामेश्वर चौपाल की अंतिम यात्रा के दौरान भावनात्मक माहौल देखा गया। ग्रामीणों ने उन्हें "गांव का गौरव" बताया और कहा कि उन्होंने क्षेत्र को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोगों ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा समाज के वंचित वर्ग के लिए कार्यरत रहे।

उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार के मुख्य्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया। कामेश्वर चौपाल का जीवन और कार्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।