राष्ट्रपति चुनाव में JMM पशोपेश में : द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा? शिबू सोरेन 25 जून को पूछेंगे अपने सांसदों विधायकों से...

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रांची- राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर साफ हो चुकी है। एनडीए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है तो विपक्ष ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। झारखंड में जेएमएम ने अभी तक यह एलान नहीं किया है कि वह किस उम्मीदवार को अपना समर्थन देगी। जाहिर है कि वह पशोपेश में है कि क्या करे। इसी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने अपनी पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों की 25 जून को राययशुमारी करने के लिए बैठक बुलायी है।

जेएमएम पशोपेश में कई कारणों से है। एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को अपनी उम्मीदवार बनाया है। वे झारखंड के लंबे समय तक राज्यपाल रह चुकी है। इसके अलावा वे आदिवासी जाति से हैं। जेएमएम की झारखंड में पूरी राजनीति ही आदिवासी वोट बैंक पर केन्द्रित है। ऐसे में अगर जेएमएम ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं किया तो उसपर यह तोहमत लगेगा कि वे झारखंड की राज्यपाल रह चकी द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी से खुश नहीं है। क्योंकि पिछली बार जब रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया तो वे बिहार के राज्यपाल थे। उस समय सभी दलों ने उनकी उम्मीदवारी पर खुशी जाहिर की थी। दूसरी परेशानी इससे भी बडी है। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी है। ऐसे में अगर आदिवासी की उम्मीदवारी को सपोर्ट नहीं किया तो यह वोट बैंक बुरी तरह नाराज हो जाएगा। विपक्ष तो इस मुद्दे पर जेएमएम पर टूट ही पडेगा।

इधर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा है। वे झारखंड के हजारीबाग से आते हैं और वहां से सांसद भी रह चुके हैं। ऐसे में उनकी उम्मीदवारी को पूरी तरह खारिज करना भी जेएमएम के लिए सहज नहीं होगा। क्योंकि वे इस समय देश के विपक्षी पार्टियों में से एक है। ऐसे में अगर यशवंत सिन्हा को सपोर्ट नहीं किया तो उनके विपक्षी साथियों की नाराजगी भी झेलनी पड सकती है।

बहरहाल, इन्हीं सब मुद्दे पर माथापच्ची करने के लिए शिबू सोरेन ने 25 जून को सांसदों और विधायकों की बैठक बुलायी है ताकि पार्टी में सबकी राय लेकर ही इस पर कोई अंतिम फैसला किया जा सके।


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