JHARKHAND NEWS : तीन शक्ति, एक मिशन– महिला अफसरों के हवाले पलामू जिला की कमान
पलामू: जिले ने झारखंड के प्रशासनिक इतिहास में एक ऐसा पन्ना जोड़ा है,जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा.दरअसल जिले की कमान अब तीन सशक्त महिला अधिकारियों के हाथ में है,जो न केवल प्रशासनिक मोर्चे पर मजबूती से डटी हैं,बल्कि महिला सशक्तिकरण की जमीन पर एक जीवंत मिसाल भी पेश कर रही है. हाल ही मेंIASसमीरा एस ने पलामू के 105वें उपायुक्त के रूप में कार्यभार संभाला है. उनकी नियुक्ति के साथ ही जिले में महिला नेतृत्व की त्रिवेणी पूरी हो गई है. जिले की पुलिस अधीक्षक पद पर पहले से हीIPSरिष्मा रमेशन कार्यरत हैं.वहीं सदर एसडीएम के रूप मेंIASसुलोचना मीणा पहले से अपने कर्तव्यों का पालन कर रही हैं.
तीन शक्ति–एक मिशन
इन तीनों अफसरनियों की तैनाती प्रशासनिक दृष्टिकोण से जितनी महत्वपूर्ण है,सामाजिक दृष्टिकोण से उतनी ही प्रेरणादायक भी. ये महिलाएं यह सिद्ध कर रही हैं कि संवेदनशीलता,नेतृत्व क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति में महिलाएं किसी भी स्तर पर पीछे नहीं हैं.
उपायुक्त समीरा एस एक कर्मठ और दूरदर्शी अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं. वे पहले भी पलामू में नगर आयुक्त के रूप में अपना योगदान दे चुकी हैं. उनके पूर्व के कार्यकालों में प्रशासनिक सुधारों और आमजन से सीधा संवाद कायम करने के लिए उनकी सराहना की जाती रही है.
एसपी रिष्मा रमेशन कानून व्यवस्था बनाए रखने में एक सख्त लेकिन जन-हितैषी अधिकारी के रूप में पहचान रखती हैं. महिला सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में उनका अब तक का कार्य उल्लेखनीय रहा है.
एसडीएम सुलोचना मीणा की कार्यशैली विकास योजनाओं को ज़मीन पर उतारने में कुशल मानी जाती है. राजस्व,भूमि विवादऔर लोक सेवाओं की निगरानी में उनकी सक्रियता चर्चा में रही है.
महिला सशक्तिकरण की ज़मीनी तस्वीर
पलामू जैसे सामाजिक रूप से संवेदनशील जिले में,जहां अब भी कई स्तरों पर महिला सशक्तिकरण को लेकर चुनौतियाँ हैं,ऐसे में इन तीनों महिलाओं का नेतृत्व एक बड़े बदलाव का संकेत देता है. यह न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक बड़ी छलांग है. ग्रामीण क्षेत्रों में अब लड़कियाँ इन अधिकारियों को रोल मॉडल के रूप में देख रही हैं. शिक्षण संस्थानों में छात्राओं के बीच चर्चा है कि“हम भी डीसी,एसपी या एसडीएम बन सकते हैं.”यह केवल प्रशासनिक नहीं,मानसिक क्रांति की शुरुआत है.
जनता का विश्वास और आशाएं
स्थानीय नागरिकों,जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में इस नेतृत्व को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है. लोगों का मानना है कि इन तीन महिलाओं के नेतृत्व में जिले में न्याय,विकास और सुरक्षा की नई परिभाषा गढ़ी जाएगी. वहीं स्थानीय लोगों में इस नए नेतृत्व को लेकर उत्साह है. जिले के विकास,महिला सुरक्षाऔर पारदर्शी शासन को लेकर उम्मीदें अब और भी बढ़ गई हैं.
क्या कहते हैं जिलेवासी
जिले वासियों का कहना है कि“यह पहली बार है जब हमने देखा कि डीसी,एसपी और एसडीएम–तीनों महिलाएं हैं. यह हमारे लिए गर्व की बात है और भरोसा भी जगा रहा है कि बदलाव जरूर होगा.”वहीं स्थानीय महिलाओं ने कहा कि“हमारी बेटियाँ अब इन्हें देखकर सपने देखने लगी हैं. ये अफसर महिलाएं नहीं,बदलाव की प्रतीक हैं.”
नया युग,नई दिशा
पलामू जिला इन तीन महिला अफसरों की टीम के साथ एक नए युग में प्रवेश कर रहा है. यह युग सिर्फ प्रशासनिक कुशलता का नहीं,बल्कि संवेदनशील नेतृत्व,सामाजिक समरसता और महिला नेतृत्व की स्वीकृतिकायुगहै.
पलामू से नितेश तिवारी की रिपोर्ट--