JDU अपने गिरेबान में झांके : जेडीयू अध्यक्ष अनर्गल प्रलाप के बजाय अपने राज्यसभा उम्मीदवार का आकलन करें - एजाज अहमद
Desk: बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष अपने दल पर ध्यान दे और अपने उम्मीदवार का आकलन करें तो बेहतर रहेगा ।क्योंकि उनके दल में अब सत्ता और स्वार्थ के लिए काम करने वाले लोगों को ही तरजीह मिलती है, और जो विचारवान लोग हैं वह हासिये पर चले गए हैं,या उन्हें किनारे लगा दिया गया है । जनता दल यू के नेता यह बतायें कि आखिर क्या कारण है कि वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े के संबंध में पिछली बार राज्यसभा सदस्य बनाने से पहले जिस तरह चर्चा की गई थी, उन्हें दोबारा क्यों नहीं राज्यसभा के लिए उम्मीदवारी दी गई। और आखिर क्या कारण है कि जो व्यक्ति मंत्री था उसे ही राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया गया उन्हें कोई कार्यकर्ता नहीं दिख रहा था।
एजाज ने आगे कहा कि जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष दूसरे दल के अंदर ताक- झांक करने से पहले उनको यह बताना चाहिए की राष्ट्रीय जनता दल ने अपने पार्टी स्वरूप को विस्तार देने के जो कार्य किया है, उससे उन्हें क्या तकलीफ है, जब जनता दल यु ने कर्नाटक के अनिल हेगडे, उत्तर प्रदेश के सी त्यागी और झारखंड से आने वाले खीरू महतो को राज्यसभा का सदस्य बनाया, तब राजद ने कभी एतराज नहीं किया। जब नेतृत्व कमजोर होता है तो इसी तरह से दूसरे के घरों में ताक- झांक की जाती है आजकल यही काम जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष कर रहे हैं।
इन्होंने जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष से पूछा है कि प्रोफेसर मनोज कुमार झा और संजय यादव को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने से जनता यु को किस बात का तकलीफ है इस संबंध में उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। दोनों के उम्मीदवारी से जदयू और भाजपा की परेशानी को इसी कहावत से समझा जा सकता है कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है----। जिस तरह से राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवारी पर भाजपा और जदयू के खेमे में बेचैनियां देखी जा रही है, वह कहीं ना कहीं दोनों दलों को इस बातका डर है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव ने जिस मजबूती के साथ भाजपा और जदयू के नेतृत्व को 2020 के चुनाव में बेनकाब किया वह आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कहीं एनडीए को सत्ता से बेदखल ना होना पड़े इसी डर से दोनों दल के नेता अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं और राजद के उम्मीदवार का विरोध कर रहे हैं।