जमुई में प्रेमी के प्यार के आगे नतमस्तक हुआ पति : खुद ही कराई शादी..कहानी जानेंगे तो आप भी हैरान हुए बगैर नहीं रह पाएंगे...

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jamui me premi ke pyar ke aage natmastak hua pati jamui me premi ke pyar ke aage natmastak hua pati

जमुई : पहले प्यार किसी और से..फिर शादी किसी और से..और फिर लौटकर पुराने प्रेमी के पास..दरअसल जिंदगी की पटकथा लिखने वाला उपरवाला भी इस लड़की की वर्तमान जिंदगी की पटकथा पढ़कर हैरान होगा...जिसमें इश्क भी है...भावनाएं भी हैं...पारिवारिक जिम्मेदारी भी है...और समाज के सामने विलेन बनने का माद्दा भी है...

बड़े ही ठसक से शिवानी कहती है कि उसे तो सचिन से प्यार हुआ है...जो आज भी है...और शादी के पहले भी था..लेकिन मजबूरी के चलते वो विकास के साथ बंध गयी...लेकिन जब प्रेमी की दीवानगी ने शिवानी को अपनी ओर खींचा..तो भला कहां आड़े आती हैं समाज की बंदिशें...वो तमाम लोकलाज एक झटके से टूट जाते हैं...जिन्हें एक लड़की का पिता ताउम्र संजोकर रखना चाहता है...शिवानी का प्रेमी कह रहा है कि.. वो रहेगा तो बस शिवानी के साथ ही...जैसे मानो शिवानी उसके लिए ही बनी हो...

इधर पत्नी को अपने प्रेमी के प्यार में बेइंतहा पागल देख पति हैरान है...बोलने को शब्द नहीं हैं...सिवाए इसके कि जिस शिवानी को दो साल पहले अपनी पत्नी बनाया था...खुशी खुशी जिसकी मांग भरी थी...जिंदगी के अरमानों को पंख लगाने के सपने देखे थे...वो तो अब किसी और की हो चुकी है...और वो खुद ही दोनों की शादी करा रहा है...घर में अपनी प्रेमी के साए से सटकर खड़ी शिवानी को तो लग रहा है जैसे मानों जिंदगी की सारी खुशियां मिल गयी हैं...

शादीशुदा जिंदगी के पिछले दो सालों के हसीन पल को भुलाकर वो जितनी जल्दी हो सके अपने प्रेमी की हो जाना चाहती है....ना तो समाज का डर है...और ना ही लोकलाज...जुबां पर तो बस एक ही बात है...कि अपने प्रेमी के साथ किस तरह जिंदगी गुजार सके...वहीं जिंदगी का पहला पड़ाव पाने वाला प्रेमी दिलवर को पास पाकर खुश है...जैसे मानो क्या मिल गया है...अमूमन इस उम्र में ऐसा तो होता ही है...जहां प्यार के चक्कर में भावनाएं तो जोर मारती हैं...वहीं जिंदगी की जिम्मेदारियां काफी पीछे रह जाती है...

अब जरा मामले को जानिए...

जमुई के रहने वाले विकास की दरअसल दो साल पहले पास के ही एक गांव में शिवानी के साथ शादी हुई थी...पहले दो साल तो बेहतरीन गुजरे...विकास को भी लग रहा था कि.. शिवानी के आते ही उसकी जिंदगी में मानो पंख लग गए...विकास की जिंदगी में तो सबकुछ अच्छा ही हो रहा था...सुनहरे भविष्य को लेकर विकास अपने वर्तमान को दाद दे रहा था...शादी के दो साल गुजरने के बाद बड़ी ही खुशी से विकास शिवानी को लेकर बंगलुरु चला गया...और जिंदगी गुजारने लगा... लेकिन इस बीच विकास की कटती हसीन जिंदगी को किसी की नजर लग गयी...ग्रहण लग गया विकास के अरमानों पर...

विकास की जिंदगी में विलेन बनकर आया शिवानी का पहला प्रेमी सचिन... उसके बंगलुरु पहुंचते ही शिवानी को मानो वो मिल गया जिसकी तलाश उसे काफी सालों से थी...सचिन के प्यार में एकबार फिर से पागल भूलने लगी की विकास ने भी तो उसे जिंदगी के सारे सुख दिए हैं...शिवानी यह भी भूल गई कि समाज के बीच उसने विकास के साथ जिंदगी साथ जीने की कसमें खायी हैं...शिवानी भूल गई कि वो तो अग्नि के सामने सात जन्मों तक का साथ निभाने की कसमें खायी हैं...

प्यार झुकता नहीं

सही ही कहा गया है कि प्यार इन चीजों को कहां मानता है...उसके आगे तो सारी जिम्मेदारियां..कसमें..वादे सभी फेल हो जाते हैं...शिवानी के साथ भी यही हुआ...विकास के साथ किए तमाम वादे को शिवानी भूल गई...और सचिन के साथ नई जिंदगी गुजारने के हसीन सपने देखने लगी..समय बीतता गया...जिस विकास की जिंदगी में बस खुशियां ही खुशियां और प्यार था...वो जिंदगी विकास के लिए नरक बनने लगी...

आखिरकार पत्नी हुई पराई

शिवानी के हरेक शब्द विकास के कानों में जहर घोलने लगे...हमेशा सचिन के साथ जिंदगी बिताने की शिवानी की रट ने विकास की जिंदगी को मानो एक तरीके से खत्म ही कर दिया...लेकिन सब बातों की इंतेहा होती है...आखिरकार वही हुआ...और विकास ने पत्नी शिवानी की शादी उसके प्रेमी सचिन से कराने की ठानी...और लौटकर जमुई आ गया...यहां पहुंचने के बाद विकास ने सबों के सामने सचिन को शिवानी के साथ शादी की इजाजत दे दी...और हंसता सचिन तो मानो इसी पहल का इंतजार कर रहा था...सचिन ने खुशी खुशी शिवानी की मांग में सिंदूर भर दिया...


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