Bihar News : अवैध कोचिंग संस्थान होंगे सील, बिहार सरकार ने दी है 10 दिन की मोहलत, शिक्षा विभाग ने जारी किया लेटर, होगी कानूनी कार्रवाई

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 Illegal coaching institutes will be sealed  Illegal coaching institutes will be sealed

MOTIHARI : दिल्ली में निजी कोचिंग संस्थान में हुए हादसे के बाद अब बिहार सरकार भी अपनी सजगता का परिचय देने का प्रयास शुरू कर दिया है। नतीजा ये है कि राजधानी पटना में अवैध संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों पर तो कार्रवाई शुरू हो गयी है। साथ ही जिलों में भी अवैध कोचिंग संचालकों को अल्टीमेटम दे दिया गया है।

बात पूर्वी चंपारण जिले की करें तो यहां शिक्षा विभाग ने भी सभी निजी कोचिंग संस्थान के संचालकों को 10 दिन की मोहलत दी है। इस 10 दिन में वे अपने कोचिंग का निबंधन नहीं कराते हैं तो उनकी कोचिंग को अवैध घोषित करते हुए सील कर दिया जाएगा। साथ ही उनके ऊपर क़ानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने एक लेटर भी जारी कर दिया है।

सरकार का क्या है क्या है फरमान...

आपको बता दें कि पूरे जिले की बात छोड़ दें तो कम-से-कम सिर्फ मोतिहारी शहर में सैकड़ों कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं, जो पूरी तरह से अवैध हैं। रहा सवाल इनके रजिस्ट्रेशन कराने का तो आपको बता दें कि संचालित हो रहे इन सैकड़ों कोचिंग सेंटर में महज इक्के-दुक्के कोचिंग सेंटर हैं, जो 2010 के कोचिंग एक्ट के मानकों को पूरा कर सकतें हैं क्योंकि मानक के अनुसार संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों को जो मानक पूरा करना है, उसमें नीचे दिए गए बिंदु शामिल हैं ....

कोचिंग संस्थान के एरिया यानी रकबा कितना है ?

कितने क्लास रूम है?

वर्ग कक्षा की संख्या ?

छात्रों की संख्या ?

वर्ग कक्षा का न्यूनतम क्षेत्र प्रति छात्र के अनुसार ?

शौचलय की सुविधा ?

पार्किंग की सुविधा ?

छात्रों की उपस्थिति के अनुसार डेस्क-बेंच की सुविधा ?

अग्निशमन की व्यवस्था ?

प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा ?

शिक्षक की संख्या एवं उनकी योग्यता ?

शैक्षणिक शुल्क ?

इसके अलावे अन्य बिंदु भी है, जिसका होना अनिवार्य है, तब जाकर कोचिंग संस्थानों का निबंधन हो सकेगा।

लेकिन सबसे बड़ी बात तो ये है कि यहां अधिकतर कोचिंग संस्थान टिन के शेड के नीचे संचालित हो रहे हैं, जहां एक कमरे में सैकड़ों बच्चे बैठ कर पढ़ते हैं। बात अगर स्टैंड की करें तो यहां सड़को को स्टैंड बना दिया गया है क्योंकि कोचिंग संस्थान का खुद का स्टैंड है ही नहीं।

इसके अलावे जो गाइडलाइन है, उसमें कुछ ही पूरा किया जा सकता है। ऐसी परिस्थिति में दो-चार कोचिंग संस्थानों को निबंधन करना मुश्किल है।

शिक्षा विभाग का क्या है फरमान

इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि जिले में संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों के संचालकों को साफ हिदायत दी गयी है कि पत्र निर्गत होने के 10 दिनों के अंदर जो कोचिंग संचालक निबंधन नहीं कराते हैं तो उनकी कोचिंग को अवैध मानते हुए सील कर दिया जाएगा ।

कोचिंग संचालकों ने सरकार से मांगी मोहलत

अब जब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा 10 दिनों के अंदर निबंधन कराने की बात कही जा रही है तो कोचिंग संचालकों के बीच बेचैनी बढ़ गई है। हालांकि कोचिंग संचालकों का यह भी कहना है कि कोचिंग एक्ट 2010 के अधिनियम को दस दिन के अंदर कायम करने का आदेश विभाग द्वारा थोप दिया गया जबकि प्रशासन को कुछ लंबा समय देना चाहिए ताकि सभी अपना निबंधन करा सके।