पटना में 3 और 4 अगस्त को मखाना महोत्सव : कैसे मखाना की ब्रांडिंग कर रही बिहार सरकार, बिक्री बढ़ाने के लिये क्या है प्लानिंग ?
पटना में कल से मखाना महोत्सव होना है. इस महोत्सव को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया और लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार का कोई-न-कोई उत्पाद/ व्यंजन देश-दुनिया की हर थाली में पहुंचे. उनके इस सपने को साकार करने में 'मिथिला मखाना' सबसे बड़ी भूमिका निभाने की क्षमता रखता है. मिथिला में मखाना की खेती को बढ़ावा देने तथा देश-विदेश में इसकी ब्रांडिंग और बिक्री बढ़ाने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार सरकार कई स्तरों पर निरंतर प्रयास कर रही है. पटना में कल से दो दिवसीय #मखाना_महोत्सव का आयोजन भी उनमें से एक है.
संजय झा ने एक्स पर किया पोस्ट किया, पढ़ने के लिये इस लिंक को खोलें
मखाना का 85 प्रतिशत उत्पादन मिथिला में
साथ ही संजय झा ने लिखा कि पौष्टिकता एवं औषधीय गुणों से परिपूर्ण #मिथिला_मखाना हमारे मिथिला का एक विशिष्ट कृषि उत्पाद ही नहीं, इसकी पहचान भी है। दुनिया में कुल मखाना उत्पादन का करीब 85 प्रतिशत मिथिला में होता है। एक आकलन के मुताबिक बिहार में मखाना के कुल उत्पादन में वर्ष 2006 से 2021 के बीच पांच गुना से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। इसे 'मिथिला मखाना' नाम से ज्योग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन टैग (GI टैग) मिल जाने से मिथिला की यह पहचान और समृद्ध हुई है। अब #मखाना और इससे बने व्यंजनों की मांग देश-दुनिया में लगातार बढ़ रही है।
कंपनियों ने मिथिला में निवेश करने की अपील
साथ ही संजय झा ने मखाना को बढ़ावा देने को लेकर एक सलाह भी दिया... और कहा कि मेरा मानना है कि 'मिथिला मखाना' की प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग के क्षेत्र में बड़ी कंपनियां हमारे #मिथिला में आकर निवेश करे, मखाना के उत्पादों को मार्केट से लिंक किया जाये तथा उसकी बेहतर ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग हो, तो बड़ी संख्या में मिथिलावासियों को रोजगार मिल सकता है और पलायन को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके लिए मैंने दिल्ली में भी विभिन्न स्तरों पर प्रयास शुरू कर दिया है।
राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा अनुदान
संजय झा ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शुरू हुई 'मखाना विकास योजना' के तहत मखाना के उच्च प्रजाति के बीज को अपनाने पर राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। उच्च प्रजाति के बीज मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा और भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया में तैयार किये जा रहे हैं, जिसे अपनाने से मखाना की उत्पादकता 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़ कर 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है।
राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र को दोबारा मिला राष्ट्रीय दर्जा
इसके अलावा उन्होंने बताया कि अटल बिहारी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए नीतीश कुमार ने ही 28 फरवरी 2002 को राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा की स्थापना करवाई थी। इस केंद्र का उद्देश्य मखाना की खेती के लिए संभावनाएं टटोलना और नये बीज का अनुसंधान कर उत्पादन बढ़ाना है। हालांकि बाद की सरकार द्वारा इस अनुसंधान केंद्र का राष्ट्रीय दर्जा हटा दिया गया था, जिससे इसे फंड मिलना बंद हो गया था। पिछले वर्ष एनडीए सरकार द्वारा इसे फिर से राष्ट्रीय दर्जा दिया गया है।