BIHAR NEWS : विधि महाविद्यालयों की दयनीय हालत देख हाईकोर्ट हैरान, 9 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

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High Court shocked by the pathetic condition of law colleges, next hearing to be held on October 9 High Court shocked by the pathetic condition of law colleges, next hearing to be held on October 9

पटना:- पटना हाईकोर्ट में राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कालेजों की दयनीय हालात पर सुनवाई9अक्टूबर,2025को होगी। चीफ जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा दायर हलफ़नामा रिकॉर्ड पर प्रस्तुत करने के लिए रजिस्ट्री को9अक्टूबर,2025तक की मोहलत दी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि विधि शिक्षा,2008के तहत दरभंगा के सी एम लॉ कालेज में कोई नियमित प्रिंसिपल नही है।केमिस्ट्री की पृष्ठभूमि वाले व अनुभवी एमएलसी दिलीप चौधरी ही सीएम लॉ कॉलेज, दरभंगा के प्रिंसिपल है।

उन्होंने बताया कि अदालती आदेश के विपरीत उन्हें लॉ कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया ।बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया ने2008के नियमों के विरुद्ध अपनी अनुमति दी है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अनुरोध पर तीन सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दिया था।कोर्ट ने बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया को लॉ कालेजों के लंबित निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने सभी लॉ कालेजों के सम्बन्ध में बीसीआई विस्तृत ब्यौरा देने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का भी ब्यौरा भी बीसीआई को देने का निर्देश दिया था।

इन लॉ कालेजों के प्रिंसिपलों की शैक्षणिक योग्यता का ब्यौरा देने का भी निर्देश दिया था।कोर्ट ने जानना चाहा था कि क्या ये लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा लॉ की पढ़ाई के लिए निर्धारित मानको को पूरा कर रहे है।वहां क्या क्या सुविधाएं उपलब्ध है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि बहुत सारे लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नही करने के बाद भी चल रहे है।

उन्होंने बताया था कि इन लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी बीसीआई द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते है।पीएचडी की डिग्री उन शिक्षकों के लिए आवश्यक है,लेकिन इन लॉ कालेजों में इनका पालन नही किया जा रहा है।

कोर्ट ने जानना चाहा था कि बगैर बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा किये बहुत से लॉ कालेजों में छात्रों का एडमिशन कैसे लिया जा रहा है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई लॉ कालेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी छात्रों का ऐडमिशन होना चाहिए।कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कोई लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है,उन कालेजों में ही लॉ की पढ़ाई होनी चाहिए।इस मामलें पर9अक्टूबर,2025 को अगली सुनवाई होगी।