सुनवाई : जमीन अधिग्रहण समेत अन्य मुद्दों पर HC ने पटना एयरपोर्ट के निदेशक को किया तलब..
पटना हाई कोर्ट ने राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट,पटना समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के विस्तार और भूमि अधिग्रहण व अन्य मुद्दों के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव सिंह समेत अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई में पटना के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के निदेशक को तलब किया है।
राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के साथ ही गया, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,भागलपुर,फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं।लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव व सुरक्षा की भी समस्या हैं।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूर्णिया एयरपोर्ट से संबंधित सभी जमीन अधिग्रहण के मुकदमों को डी एम को सुनवाई कर इन मामलों को 45 दिनों में निपटाने का निर्देश दिया था।
पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमीत कुमार ने जानकारी दी थी कि कोर्ट ने दो दिनों के भीतर गया एयरपोर्ट के संबंध में जमीन अधिग्रहण को लेकर लंबित मुकदमों का चार्ट देने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने पूर्णिया एयरपोर्ट के संबंध में पटना हाई कोर्ट के समक्ष लंबित मुकदमों को सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता अर्चना शाही ने बताया कि राज्य के कई एयरपोर्ट कार्यरत नहीं है,जबकि, पटना एयरपोर्ट के विस्तार के लिए बिहार सरकार से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भूमि की मांग कर रहा है ,लेकिन जगह नहीं मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि गया एयरपोर्ट के लिए भी 26 एकड़ जमीन ही दिया गया। बाकी जमीन अबतक नहीं दिया गया। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत बिहार सरकार ने लगभग 260 करोड़ रुपये के लिए अपील दायर कर रखा है।
इस कारण न तो मुआवजा मिला है और न जमीन अधिग्रहण पूरा हुआ है।बिहार में बिहटा का एयरपोर्ट स्टेशन, पूर्णिया एयरपोर्ट और सबेया एयरपोर्ट सिर्फ सेना के इस्तेमाल के लिए होता हैं।
भागलपुर एयरपोर्ट, जोगबनी स्थित फोरबेसगंज एयरपोर्ट, मुंगेर एयरपोर्ट और रक्सौल एयरपोर्ट बंद पड़े हुए हैं।बिहार में सिर्फ दो ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट गया और पटना में हैं।
अगली सुनवाई में गया और बोध गया के विकास से सम्बंधित मामलें भी शामिल रहेंगे।साथ ही गया के विष्णुपद मंदिर से भी सम्बंधित मुद्दों पर सुनवाई होगी।
गया एयरपोर्ट राज्य का पहला अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जहां से मुख्यतः बौद्ध देशों जैसे श्रीलंका व कंबोडिया आदि के लिए फ्लाइट चलाई जाती है।
इस मामले पर अगली सुनवाई 30 मार्च ,2022 को होगी।