बिहार में सियासी दही-चूड़ा भोज : पशुपति पारस ने गवर्नर के साथ CM नीतीश और लालू प्रसाद को किया निमंत्रित, क्या पकेगी सियासी खिचड़ी? चिराग को न्योता नहीं
PATNA : मकर संक्रांति के अवसर पर बिहार की राजनीति में दही-चूड़ा भोज के बहाने सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने बुधवार को अपने कौटिल्य नगर स्थित आवास पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया है। इस भोज में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, आरजेडी प्रमुख लालू यादव, तेजस्वी यादव और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी समेत कई नेताओं को आमंत्रित किया है। इससे पहले पशुपति कुमार पारस मंगलवार को मकर संक्रांति के मौके पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के न्योते पर दही-चूड़ा भोज में शामिल हुए थे।
चिराग पासवान को भोज से बाहर रखा
पशुपति पारस ने अपने भतीजे और लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान को इस भोज में न्योता नहीं दिया है। पार्टी प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि "चिराग बिहारी नहीं हैं। वह 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' की बात करते हैं लेकिन खुद बिहारी नहीं हैं।"
चिराग के भोज में पारस नदारद
गौरतलब है कि चिराग पासवान ने मंगलवार को दही-चूड़ा भोज आयोजित किया था लेकिन इस भोज में उन्होंने चाचा पशुपति पारस को आमंत्रित नहीं किया। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस भोज में पहुंचे थे। दिलचस्प बात यह है कि सीएम ने 12 बजे का समय देने के बावजूद सुबह 10 बजे ही पहुंचकर सबको चौंका दिया। चिराग पासवान के अनुपस्थित रहने पर पार्टी के अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
सीएम नीतीश का भोज दौरा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के भोज के बाद मंत्री रत्नेश सदा के आवास पर आयोजित दही-चूड़ा भोज में भी शिरकत की। मकर संक्रांति के बहाने बिहार की राजनीति में चाचा पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच तल्ख रिश्ते एकबार फिर उजागर हो गए हैं। दही-चूड़ा भोज ने सियासी जोड़-तोड़ और गुटबाजी को नई हवा दी है। अब देखना यह है कि इस सियासी खींचतान का अगला अध्याय क्या मोड़ लेता है?