किस पर गिरेगी गाज ! : POLICE की असंवेदनशीलता पर सरकार की सफाई,पटना हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई का डेट दिया..

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Government's clarification on police insensitivity, Patna High Court releases date of final hearing Government's clarification on police insensitivity, Patna High Court releases date of final hearing

Patna:- मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटना में मरे एक शख्स के शव को बग़ैर अस्पताल पहुंचाए नदी में फेंक दिये जाने के मामले पर पटना हाई कोर्ट की अंतिम सुनवाई अब 23 जनवरी,2024 को होगी.आज इस मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने अगल तिथि निर्धारित की है.राज्य सरकार की ओर से की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा देते हुए एक अंतरिम रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।इसमें इस मामलें में की गयी कार्रवाईयों के सम्बन्ध कोर्ट को जानकारी दी गई ।


पिछली सुनवाई में राज्य सरकार को दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहा था। इस मामले पर टिपण्णी करते हुए कहा कि राज्य सरकार को राज्य की पुलिस को संवेदनशील बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाने चाहिए । पिछली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में सरकार द्वारा संज्ञान लिया जा चुका है और दोषी पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जा रही है ।


गौरतलब है कि शव को सीधे नदी में फेंक कर ठिकाने लगा दिया गया,जिसका वीडियो रविवार (8 अक्टूबर 2023 ) को वायरल हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर एक घातक सड़क दुर्घटना ने एक अज्ञात व्यक्ति की जान ले ली।दुर्घटना स्थल पर एक अज्ञात ट्रक द्वारा कुचले जाने के बाद उस व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई। बाद में घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने न तो शव को अस्पताल पहुंचाया और न ही पोस्टमार्टम कराया।इसके बजाय, कुछ पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से शव को सड़क से उठाया और, बेहद अमानवीय तरीके से, एक पुल के ऊपर से लाठियों का उपयोग करके उसे नदी में फेंक दिया।

पुलिस की हरकतें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। वीडियो के व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद पुलिस की आलोचना बढ़ गई। वीडियो में साफ दिखा कि खून से लथपथ शव को पुलिसवालों ने लाठी से पुल से नदी में धकेल कर ठिकाने लगा दिया।वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने देर रात शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया । वायरल वीडियो में साफ स्पष्ट हुआ कि एक पुलिस अधिकारी शव को पैरों से उठाकर नदी में फेंकने के लिए पुल की रेलिंग पर रखा और इसके बाद, एक अन्य पुलिस अधिकारी शव को नदी की ओर धकेलने के लिए छड़ी का उपयोग किया।

हाईकोर्ट ने बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया, जिसमें कोविड के दौरान शवों को नदी में बहाए जाने की बात उजागर हुई थी।इस मामलें पर अंतिम रूप सुनवाई 23 जनवरी,2024 को कोर्ट द्वारा की जाएगी।