गोल्डी ने झारखंड का लहराया परचम : गुजरात में 36 वें नेशनल गेम्स के तीरंदाजी प्रतियोगिता में गोल्डी मिश्रा के गोल्ड जीतने पर परिवार में खुशी का माहौल
बोकारो: खबर है बोकारो की जहां चंदनकियारी प्रखंड के ओझा टोला निवासी दुलाल मिश्रा के एकलौते पुत्र गोल्डी मिश्रा ने36वें तीरंदाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर बोकारो सहित झारखंड का नाम रोशन किया है. सुदूर ग्रामीण परिवेश में एक छोटे से मकान में रहने वाले दुलाल मिश्रा पेशे से चालक हैंएवं माता रेखा देवी गृहिणी हैं. पुत्र गोल्डी मिश्रा के राष्ट्रीय फलक पर चयन के बाद परिवार के सदस्यों में खुशी का माहौल बना हुआ है.
परिवार के सभी सदस्य खुशी से हर आने जाने वालों का काफी रीति रिवाज से स्वागत कर रहे हैं. पुत्र गोल्डी की उपलब्धि पर सभी की आंखों में खुशी के आंसू भरे हैं. माता रेखा देवी ने बताया कि तीन पुत्री सोना, निशा एवं मनीषा के बाद बहुत दिनों के बाद ईश्वर ने मुझे एक पुत्र रत्न दिया. आज गुरुजनों एवं समाज के प्रबुद्ध जनों के सहयोग से पुत्र ने गोल्ड प्राप्त किया है. परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने की वजह से परिवार के सभी सदस्यों की एक ही बात जुबान पर है कि गोल्डी को कहीं बेहतर नौकरी मिले और उनके रहने के लिए एक ठिकाना बने एवं परिवार रूपी गाड़ी को खींचने के लिए आर्थिक संसाधन की व्यवस्था हो.
गोल्डी मिश्रा पांचवी कक्षा से ही तीरंदाजी के लिए द्रोण समान गुरु महेंद्र करमाली की देखरेख में धनुष विद्या शुरू की. और आज गोल्ड पर निशाना साध कर चंदनकियारी में माता-पिता और गुरु का नाम रोशन कर दिया है. मैट्रिक में गोल्डी मिश्रा ने416अंक लाकर प्रथम स्थान से सफलता पाई उसके बाद वह अब आर्ट्स में इंटर में एडमिशन ले कर पढ़ाई भी कर रहा है. चंदनकियारी के आर्चरी सेंटर में काफी कम संसाधन में वह लगातार अभ्यास कर रहा है. घरवालों का कहना है कि इसकी मदद उसके कोच चंदनकियारी विधायक करते आ रहे हैं. जिस तीरंदाजी को वह कभी जान भी नहीं पाया था. आज उसने बेहतर प्रदर्शन किया है. बहन का कहना है कि हमें उम्मीद है कि वह ओलंपिक में भी गोल्ड लाने का काम करेगा. लेकिन सरकार उसे संसाधन और उसकी बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था करें.
दादी प्रतिमा देवी का कहना है कि जब भी गोल्डी को कहते थे कि क्या मेडल लेकर आया है. कुछ पैसे लेकर आता तो घर बनता है. घर चलता है. घर में पानी टपक रहा है. तब गोल्डी कहता था कि दादी चिंता मत करना एक दिन सब कुछ होगा. घर से लेकर बेड तक पूरी व्यवस्था हम करेंगे. दादी यह कह कर आज काफी खुश नजर आ रही है.
चंदनकियारी के वर्तमान विधायक सह रघुवर सरकार में खेल मंत्री रहे अमर कुमार बाउरी ने कहा कि हमें यह उम्मीद थी कि चंदनकियारी जैसे ग्रामीण क्षेत्र का खिलाड़ी राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाएगा और यह आज गोल्डी ने कर दिखाया है. उन्होंने कहा कि बिना द्रोण के अर्जुन कभी सफल नहीं हो पाते उसी तरह महेंद्र करमाली के बिना गोल्डी कभी सफल नहीं हो पाता. लेकिन इसका श्रेय महेंद्र करमाली को है. क्योंकि कम संसाधन में बेहतर प्रशिक्षण देकर गोल्डी को गोल्ड लाइक बना दिया.