फिर खुली स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल : टॉर्च की रौशनी में इलाज कर रहे डॉक्टर, भगवान को याद कर रहे मरीज

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सुपौल : बिहार में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर नकेल कसने के लिए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री इन दिनों कई तरह के अभियान चला रहे हैं। मिशन 60 अभियान को लेकर कई तरह की बातें की जा रही है। लेकिन ठीक इसके विपरीत सुपौल के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था सरकार के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती नजर आ रही है।


दरअसल सुपौल इलाके में देर रात हुई तेज बारिश के बाद त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में बिजली नदारत है। जहां बिजली नहीं होने पर अस्पताल में जेनरेटर स्टार्ट कर लाइट की समुचित व्यवस्था रखनी चाहिए लेकिन ठीक इसके विपरीत अस्पताल में पर्याप्त रौशनी उपलब्ध नहीं होने के कारण डॉक्टर मोबाईल के टोर्च की रोशनी में मरीजों के न सिर्फ पुर्जे को देख रहे हैं बल्कि उसका हाल चाल भी पूछ रहे हैं।

बताया जा रहा है कि सुबह 5 बजे से खबर लिखे जाने तक अस्पताल में लाइट नहीं रहने के कारण मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीजों का देखभाल तो हो ही रहा है साथ ही अस्पताल की साफ सफाई से लेकर सभी काम अंधेरे में हो रहा है। इसी बीच प्रसव पीड़िताओं को लेकर अस्पताल पहुंचे मरीज के परिजनों का आरोप है कि हमलोग डिलीवरी पेसेंट को लेकर यहां आए हैं सुबह 5 बजे से लाइट नहीं है।

डॉक्टर अंधेरे में मरीजों का ईलाज कर रहे हैं यहां लाइट की कोई व्यवस्था ही नहीं है। अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ.सुमन कुमारी का कहना है कि सुबह पांच छह बजे से लाइट नहीं है। अंधेरे में सब काम करना पड़ रहा है जेनरेटर भी चालू नहीं है। अस्पताल की इस लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण डॉक्टर से लेकर मरीज, मरीज के परिजन, सफाई कर्मी सभी परेशान हैं।



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