LIFESTYLE : एक साथ दारोगागिरी और मां की भूमिका में महिला थानेदार,हो रही है तारीफ


NAWADA:-नीतीश सरकार की पहल पर राज्य में बड़ी संख्या में दारोगा और सिपाही के पद पर महिलाओं को भर्ती हुई है.इस दौरान ये महिलाये दारोगागिरी के साथ ही मां की दोहरी भूमिका बखूबी निभा रही है.इसका एक उदाहरण नवादा की महिला थानेदार अंशुप्रभा को लिया जा सकता है.
'मां की ममता का कोई छोर नहीं" एक फिल्म के डायलॉग में कहा गया था कि मां सबसे बड़ी योद्धा होती है. इसकी मिसाल नवादा सदर अस्पताल में देखने को मिली जहां महिला थानेदार एक तरफ पुलिस की ड्यूटी और दूसरी तरफ मां की ममता का फर्ज बखूबी निभाती दिखी हैं.थानाध्यक्ष अंशु प्रभा अपने मासूम बच्चे को अपनी गोद में लेकर ड्यूटी करती नजर आई.अंशु प्रभा अपनी 3 साल की बेटी आरवी को गोद में लेकर सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात मिली.
मिली जानकारी के अनुसार महिला थानाध्यक्ष एक दुष्कर्म की पीड़िता को मेडिकल प्रशिक्षण के लिए अस्पताल लाई थी.इस दौरान वह पुलिस वाहन से अपनी बेटी को गोद में लिए सदर अस्पताल पहुंची थी. एक मां होने के साथ महिला थाना के थानाध्यक्ष अंशु प्रभा अपनी ड्यूटी का फर्ज भी निभा रही हैं. महिला थाना के थानाध्यक्ष अंशु प्रभा की दोहरी भूमिका की तारीफ की जा रही है.